फर्रुखाबाद, जिला पंचायतराज अधिकारी कार्यालय में आये सारे बजट खातों में डंप पड़े हैं। डीपीआरओ के हस्ताक्षर से बिल पारित न करने के कोषाधिकारी के आदेश के कारण विभागीय कर्मचारियों का वेतन तक तीन माह से नहीं निकला है। मजे की बात है कि ऐसे में गुररुवार को विभागीय उपनिदेशक ने यहां पहुंचकर समीक्षा भी कर डाली।
विदित है कि वरिष्ठ कोषाधिकारी एसएन शुक्ला ने जिला पंचायतराज अधिकारी इंद्रपाल सिंह यादव के हस्ताक्षर से कोई भी विभागीय बिल पारित करने से यह कहकर इनकार कर दिया है कि श्री यादव राजपत्रित अधिकारी नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी डीपीआरओ डीएन मिश्रा के समय में भी यही स्थिति बनी थी तब आहरण वितरण का अधिकारी सीडीओ को सौंपा गया था। कोषागार की आपत्ति के कारण विगत तीन माह से डीपीआरओ कार्यालय के कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिला है। अंबेडकर ग्रामों में नाली खड़ंजे के लिये आये लगभग दो करोड़ रुपये से अधिक का बजट कोषागार में पड़ा है। इसी प्रकार स्वच्छ शौचालयों के लिये आयी धनराशि भी आहरित नहीं हो पायी है।
गुरुवार को विभागीय मंडलीय उपनिदेशक राम चंद्र ने यहां दौरा कर दिन भी सहायक विकास अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रगति समीक्षा की। स्थिति का हवाला दिये जाने पर उपनिदेशक ने बताया कि विभागीय उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। शीघ्र कोई समाधान निकाला जायेगा। उन्होंने बताया कि डीपीआरऔ की सूचना के अनुसार स्वच्छ शौचालयों का पैसा मुख्य विकास अधिकारी के हस्ताक्षर से आहरित कर लिया गया है। यह धनराशि भेजी जारही है।
मुख्य विकास अधिकारी महेंद्र कुमार ने भी गुरुवार को डीपीआरओ इंद्र कुमार यादव को बुलाकर इस संबंध में वार्ता की। उन्होंने बताया कि एक दो दिन मे कोषाधिकारी के साथ बैठ कर विचार विमर्श करने के उपरांत कोई हल निकाल लिया जायेगा।