इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विनोद प्रसाद ने कहा है कि किसी युवती को शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध स्थापित करना और उसे लगातार जारी रखना दुराचार है। इंटरनेट के जरिए वर खोजने वाली युवती के साथ धोखाधड़ी के इस मामले में न्यायालय ने आरोपी युवक की निचली अदालत के समन आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह आदेश गुड़गांव के शिवालिक घोष की रिवीजन याचिका पर दिया है।
मुकदमें में याची का कहना था कि युवती बालिग है और शारीरिक संबंध सहमति से बने। याची की दलील को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि यदि किसी स्तर पर युवती अपना कौमार्य खो चुकी है तब भी किसी को उससे दुराचार करने का अधिकार नहीं मिल जाता है। प्रकरण के अनुसार नोयडा के सेक्टर 32 में एक युवती ने इंटरनेट पर गुड़गांव के शिवालिक घोष से रिश्ता तय किया। आरोप है कि शिवालिक ने उसे गुड़गांव बुलाया और कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उससे दुराचार किया। युवती के विरोध पर शादी करने का आश्वासन दिया।