फर्रुखाबाद : शहर में इन दिनों ऑनलाइन सर्वे कंपनियों की बाढ़ आई है। स्पीक एशिया सहित कई अन्य ऑनलाइन सर्वे कंपनियां भी कुछ इसी तर्ज पर निवेश करा रही हैं। ऑनलाइन सर्वे में निवेश कर चुके लोग अपने जैसे दूसरे को समझाते हैं कि घर बैठे अपने कंप्यूटर पर एक सर्वे फार्म भरना है। मुनाफे का गुणा-भाग इतना आसान लगता है कि निवेश करने के लिए कोई भी हिचकता नहीं। बिना मेहनत के घर बैठे जल्द अमीर बनने की ख्वाहिश में लोग अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं।
ऑनलाइन सर्वे कंपनियों की बाढ़
संचार क्रांति के सैकड़ों लाभ के बीच कई नुकसान भी छुपे हैं। अब ठग इंटरनेट के जरिए भारी मुनाफे का लालच देकर लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऑनलाइन सर्वे की योजनाओं से युवा जल्द प्रभावित होते हैं। विदेशी कंपनियों का नाम जुड़ा होने की वजह से उन्हें कंपनी पर जल्द विश्वास हो जाता है लेकिन इसमें सबसे बड़ा नुकसान यह है कि कंपनी द्वारा निवेशक को लिखित में कोई एग्रीमेंट अथवा दस्तावेज नहीं मिलता। मसलन, सबकुछ ऑनलाइन होने की वजह से निवेशक के पास साक्ष्य के लिए कोई लिखित पत्र नहीं होता। निवेश करने वाले व्यक्ति पर दूसरे निवेशक का दबाव होता है। निवेशक कंपनी के अधिकारियों अथवा संचालक को सीधे नहीं जानता। कंपनी का कोई बड़ा कार्यालय भी नहीं होता। ठग फ्रेंचाइजी के नाम पर छोटा सा कार्यालय खोलकर निवेशकों को अपने जाल में फंसाए रखते हैं।
निवेशकों के अनुसार सर्वे कंपनियों ने कई योजनाएं चला रखी हैं। घड़ी से लेकर कार तक देने का वादा किया जाता है। एक निवेशक द्वारा दो नए लोगों से निवेश कराने पर उसे पेयर कहा जाता था। कुछ कंपनियां 10 पेयर पर घड़ी, 25 पेयर पर मिनी लैपटाप, 250 पर नैनो कार, 800 पर अल्टो कार, 3000 पर सफारी कार देने का वादा कर रही हैं। एक नए निवेशक को कंपनी से जोड़ने पर 500 रुपये की डायरेक्टर इनकम की भी सुविधा है। दूसरे निवेशकों को अपने अंडर में ज्वॉइन कराकर खुद भारी लाभ कमाने के लालच में लोग ऐसी ऑनलाइन सर्वे कंपनियों में निवेश को बतौर एक व्यवसाय के अपनाने लगे हैं। कुछ महीनों बाद ऐसी कंपनी द्वारा भुगतान न करने अथवा उस पर कानूनी शिकंजा कसने पर निवेशकों को पता चलता है कि मेहनत से कमाए गए लाखों रुपये डूब चुके हैं, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। भारी मुनाफा कमाने के लिए कई निवेशकों ने अपने नीचे सैकड़ों अन्य लोगों के रुपये निवेश कराए हैं। बहुत से निवेशक ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी एफडी तुड़वाकर, कार, जेवर व कीमती सामान बेंचकर, व्यवसाय को बंद कर ऐसी ऑनलाइन कंपनियों में लाखों रुपये निवेश किए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कंपनियों में रकम निवेश करना किसी खतरे से कम नहीं।