फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) सोमवार को जिला कारागार फतेहगढ़ में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के माध्यम से जेल में निरुद्ध सभी बंदियों की जानलेवा बीमारियों के लक्षण व उसके बचाव के बारे में गोष्ठी के माध्यम से बताया गया|
गोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य चिकित्साधिकारी डा.अवनींद्र कुमार, नगर मजिस्ट्रेट सतीश चन्द्र नें फीता काटकर व दीप प्रज्वलित कर किया| गोष्ठी को संबोधित करते हुए सीएमओ, डिप्टी सीएमओ द्वारा एचआईवी, टीबी, सिफ्लिस व हेपेटाइटिस इत्यादि बीमारियों के लक्षणों, बीमारी के फैलने के कारणों व बीमारी से बचाव के उपायों की विस्तार से बंदियों को जानकारी दी गयी| जेल अधीक्षक भीमसैन मुकुंद द्वारा बंदियों द्वारा दैनिक दिनचर्या में बरती जाने वाली व्यवहारिक गलतियों की ओर बंदियों को सचेत किया गया| जिसमे एक ही ब्लैड के टुकड़े से अनेकों बंदियों द्वारा अपने नाखून काटना, चोरी छुपे एक ही ब्लैड का इस्तेमाल कर बाल बनाना। जेल अधीक्षक ने इस तरह की गलतियां ना करने के लिए बंदियों को नसीहत दी| सीएमओ नें बताया कि महिलाएं कान व नाक छेदन कराते समय साबधान रहें| छेदन की प्रक्रिया इस्तेमाल होने वाली सुई से एचआईवी जैसा भयंकर रोग फैलाने की सम्भावना अधिक रहती है| सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा युवा बंदियों को संयम पूर्ण जीवन जीने की सलाह दी| जांच अभियान के प्रथम दिन 34 बंदियों की जांच करवायी गयी, जिनकी जांच परिणाम प्रतीक्षित है । जेल चिकित्सक विजय अनुरागी द्वारा बताया गया की जेल में पहले 250–300 बंदी ओपीडी के माध्यम से दवा लेते थे वर्तमान में मात्र लगभग 90–95 बंदी ही ओपीडी में दवा लेते है । जेलर अखिलेश कुमार , डिप्टी जेलर अवनीश सिंह, मुकेश गौड़, डिप्टी जेलर कृष्णा कुमारी, सरोज देवी व महिला जेल बार्डर प्रियंका शुक्ला आदि रहे| संचालन डिप्टी सीएमओ डा. आरसी माथुर व दीप्ति शुक्ला द्वारा किया गया ।