डेस्क: दिवाली पर हम सभी मिलकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं, दीए जलाते हैं,मिठाई खाते हैं और खूब सारी मस्ती करते हैं। लेकिन बढ़ता प्रदूषण आपकी दिवाली का मजा बिगाड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि मनाते समय हम कुछ बातों का ध्यान रखें ताकि रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के खतरे से बचा जा सके।
जानें किन बातों का ध्यान रख दिवाली पर प्रदूषण के दुष्प्रभावों से अपनी रक्षा कर सकते है|
साबधानी है बेहद जरूरी:
प्रदूषण 400 AQI पार कर चुका है,ऐसे में पटाखे जलाने से समस्या और भी गंभीर हो सकती है। पटाखों से निकलने वाला धुंआ पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक होता है। हवा में मिलकर यह आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जो रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के खतरे को बढ़ा सकता है। पटाखों से होने वाला शोर पेट्स और बूढ़ों के लिए भी परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए पटाखे बिल्कुल न जलाएं, बल्कि दीए जलाकर दिवाली मनाएं।धूप और अगरबत्ती से निकलने वाले धुएं की वजह से आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। प्रदूषण की वजह से हवा की गुणवत्ता पहले से ही खराब है, जिस वजह से सांस लेने में तकलीफ होती है, अगरबत्ती और धूप जलाने की वजह से यह समस्या और अधिक बढ़ सकती है। इसलिए धूप जलाने की जगह दिए जलाएं।
दिवाली के मौके पर हम चाहते हैं कि हमारा घर खूबसूरत दिखे और खुशबू से महकता रहे। इसलिए अक्सर हम रूम फ्रेशनर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन एयर फ्रेशनर से निकलने वाले पदार्थ प्रदूषण फैलाते हैं, जो आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए इनका इस्तेमाल न करें। साथ ही, सेंटेड कैंडल्स का भी इस्तेमाल न करें, ये भी आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को इरिटेट कर सकते हैं।पानी आपकी स्वांस नली की म्यूकस की परत को मोटा नहीं होने देता। म्यूकस की परत मोटी होने पर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसलिए अपने शरीर में पानी की कमी बिलकुल न होने दें। इसके साथ ही आप गरम पानी का भाप भी ले सकते हैं, इससे आपके गले में इक्कठा हुए प्रदूषक तत्व साफ हो जाएंगे और आपको सांस लेने में तकलीफ नहीं होगी।अपने घर की हवा को साफ करने के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें। इससे आपके घर की हवा शुद्ध होगी और आपको सांस लेने में तकलीफ भी नहीं होगी।