डेस्क:आज संसद के मानसून सत्र का पांचवां दिन है। बीते चार दिनों से सदन में मणिपुर मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। इसी बीच विपक्षी दलों के द्वारा आज लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। लोकसभा स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने सहमति जताई है। इसे लेकर कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप भी जारी किया है। विपक्ष की मांग है कि मणिपुर मुद्दें पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद बयान दें जबकि सरकार का कहना है कि वह मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी दल एक नियम के तहत चर्चा के लिए दबाव डाल रहे हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर मुद्दे पर संसद में गतिरोध पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र में खरगे ने लिखा है कि एक ही दिन में प्रधानमंत्री देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी दल से जोड़ते हैं और उसी दिन गृहमंत्री भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था,अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर भी दिखने लगी है। इस पर प्रधानमंत्री द्वारा विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। प्रधानमंत्री से हम सदन में आकर मणिपुर पर बयान देने का आग्रह कर रहे हैं परंतु ऐसा लगता है कि उनका ऐसा करना उनके सम्मान को ठेस पहुंचाता है। हमारी इस देश की जनता के प्रति प्रतिबद्धता है और हम इसके लिए हर कीमत देंगे।भारी हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई है।