फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) हर साल की तरह इस वर्ष भी अमर शहीद मणिन्द्र नाथ बनर्जी के 90 वां शहादत दिवस मनाया गया| लेकिन इस बार का आयोजन पहली बार जेल की सलाखों के पीछे आयोजित हुआ जिससे आम जनता को अमर शहीद की वीर गाथा को जाननें का अवसर नही मिल सका!
सेंट्रल जेल परिसर में बने अमर शहीद मणिन्द्र नाथ बनर्जी की प्रतिमा पर मुख्य अतिथि डीएम संजय कुमार सिंह, एसपी अशोक कुमार मीणा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पाण्डेय, जेलर बद्री प्रसाद, उप कारापाल सुरजीत कुमार आदि नें माल्यार्पण किया | इसके बाद शहीद उपवन में वृक्षारोपण किया गया। कारागार बैण्ड की धुन पर पीएसी बल द्वारा सशस्त्र सलामी दी गई। समारोह का औपचारिक शुभारम्भ गिरीश चन्द्र दुबे द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। वक्ताओं नें अमर शहीद की वीर गाथा को याद किया| डा. रामकृष्ण राजपूत ने जिले के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में – 161 लोगों को फांसी, 243 लोगों को कालापानी और 700 से अधिक लोगों को कारावास मिला था। केन्द्रीय कारागार फतेहगढ में तो एक साथ चार चार महान क्रान्तिकारी मणीन्द्र नाथ बनर्जी, यशपाल, मन्मथ नाथ गुप्त एवं चन्द्रमा सिंह एक साथ निरूद्ध रहे, तथा ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों एवं यातनाओं को सहते हुए ब्रिटिश जेल प्रशासन के अमानवीय अत्याचारों के खिलाफ लगातार 66 दिन अनशन करते हुए मणीन्द्र नाथ बनर्जी द्वारा अपने प्राणों की आहुति दे दी गई। भूपेन्द्र सिंह, जयपाल सिंह, अर्चना चतुर्वेदी, डा. नीरज कुमार चिकित्साधिकारी, करूणेन्द्र कुमार यादव, बॉबी दुबे, आदि भी रहे|