फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) लखनऊ की कोर्ट में हुए शूटआउट में मारा गया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा 20 महीनें तक वह सेंट्रल जेल में भी बंद रहा है। इस दौरान उसने जेल में अपना दबदबा बनाने की कोशिश भी की!
दरअसल शूटर संजीब महेश्वरी का नाम पूर्व मंत्री स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के बाद प्रकाश में तब आया जब मेरठ में 22 अप्रैल 1997 को सीबीआई ने संजीव को पिस्टल और कारतूसों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। जीवा की अगर बात करें तो उसे शासन के आदेश पर अप्रैल 2003 में सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ लाया गया था| जहाँ उसे हाई सिक्योरिटी में रखा गया था | तकरीबन 20 महीनें यानी अप्रैल 2003 से जीवा नबम्वर 2004 तक बंद रहा था| तत्कालीन बंदी रक्षकों की मानें तो उसने उस दौरान जेल में अपना दबदबा बनाने का भी प्रयास किया|
सेन्ट्रल जेल के जेलर बद्री प्रसाद नें अभिलेखों के आधार पर इस बात की पुष्टि की की ‘जीवा’ यहाँ बंद रहा था | वह अप्रैल 2003 से नवंबर 2004 तक सेन्ट्रल जेल में निरुद्ध रहा |