फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) अपर जिला जज प्रथम विष्णु चंद्र वैश्य ने गैर इरादतन हत्या के मुकदमे में दोषसिद्ध दो भाइयों समेत तीन को दस-दस साल की सजा सुनाई है। दस-दस हजार रुपये जुर्माना किया है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान जेल में विताई गई अवधि को सजा में समायोजित करने का आदेश दिया है।
कमालगंज थाना क्षेत्र के गांव अमिलियाहार निवासी अहिवरन सिंह ने तीन बीघा खेत का इकरार नामा गोपनीय ढंग से रामकैलाश के नाम कर दिया था। इसकी जानकारी परिवार के लोगों को हो गई। परिजनों ने रुपये वापस कर इकरारनामे को निरस्त कराने का दबाव बनाया। यह बात अहिवरन ने रामकैलाश को बता दी। इससे वह रंजिश मानने लगे। 21 दिसंबर 2015 को शाम सात बजे भाई भइयालाल के घर के पास अहिवरन खड़े थे। तभी आरोपी लाठीडंडा व धारदार हथियार लेकर आए और गाली गलौज करने लगे। विरोध करने पर मारपीट कर दी। इससे अहिवरन के गंभीर चोट आई। हमलावरों ने पकड़ कर उसको कालोनी में डाल लिया। कुछ देर बाद अहिवरन की मौत हो गई। हमलावर वहां से भाग गए। भाई बालिस्टर सिंह ने अमेलिया नगला निवासी रामकैलाश, उसके पुत्र नरेंद्र, रामनाथ, नरोत्तम व अरविंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करायाथा। विवेचक ने जांच के बाद नरोत्तम, उसके भाई अरविंद व रामकैलाश के पुत्र नरेंद्र के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल बाजपेई, दीपिका कटियार, तेज सिंह राजपूत ने दलीले पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने सगे भाई नरोत्तम, अरविंद व नरेंद्र को गैर इरादतन हत्या में दोषी करार दिया था। तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेजा था। शनिवार को तीनों दोषसिद्ध को जेल से कोर्ट में पेश किया गया। न्यायाधीश ने दोषसिद्ध दो भाइयों समेत तीन को गैर इरादतन हत्या में सजा और जुर्माने से दंडित किया।