फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) इस समय मौसम में सुबह सर्दी दोपहर में गर्मी तो रात में सर्दी का अहसास होने लगा है तापमान दिन पर दिन घटने लगा है ऐसे में अपने बच्चों का हमें खास ध्यान रखना होगा यह कहना है डॉ रामममोहर लोहिया चिकित्सालय महिला के सीएमएस डॉ कैलाश दुल्हानी का |डॉ० कैलाश दुल्हानी ने बताया कि इस समय लगभग 60 प्रतिशत बच्चे सर्दी जुकाम और बुखार से पीड़ित आ रहे हैं| डॉ० रामममोहर लोहिया चिकित्सालय महिला के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ० शिवाशीष ने बताया कि नवजात और छोटे बच्चों को दिन के वक्त भी पूरे कपड़े पहनाएं। सिर पर टोपी और पैर में मौजे रहेंगे तो रात के वक्त तापमान कम होने पर उन्हें सर्दी लगने का खतरा कम रहेगा इस मौसम में दिन और रात के तापमान में अच्छा खासा अंतर आ जाता है। यह नवजात और छोटे बच्चों के लिए सर्दी-खांसी, बुखार की वजह बनता है। जिन बच्चों को सर्दी के साथ सांस फुलने की शिकायत होती है उन्हें तापमान में आए अंतर की वजह से अस्थमा जैसी बीमारी होने की आशंका रहती है। इन दिनों वातावरण में धूल भी बहुत होती है। इससे बच्चों को एलर्जी हो सकती है। ठंड के मौसम में सभी घरों में गर्म कपड़े निकाले जाते हैं। इनमें डस्टमाइट होते हैं जो एलर्जी की एक बड़ी वजह है। बच्चों को रात के समय घर से बाहर ले जाने से बचें और सही समय पर उनका टीकाकरण अवश्य करवाएं। उन्होंने बताया कि दिन के वक्त तापमान अधिक होने से कई बार हम नवजात और छोटे बच्चों को टोपी और मौजे नहीं पहनाते। यह ठीक नहीं है। नवजात और बच्चों को दिन के वक्त भी पूरे कपड़े पहनाएं। नवजात को मां के साथ ही रखे। बच्चा मां के शरीर से चिपककर रहेगा तो उसे गर्मी मिलती रहेगी।उन्होंने बताया कि मां का दूध बच्चे को दस्त, सर्दी-जुकाम से भी सुरक्षा देता है। सीधे ठंडी हवा के संपर्क में आने से नवजात की सेहत बिगड़ सकती है। छोटे बच्चों को रात के वक्त तला देने से बचना चाहिए। कई बार देखने में आता है कि मामूली बुखार आदि होने पर हम बच्चे का टीकाकरण टाल देते हैं। यह भी ठीक नहीं है। बच्चों को सही समय पर टीका लगना जरूरी है। इसमें चूक न करें।