फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) सेन्ट्रल जेल में बंदियों को सत्संग का श्रवण कराया गया| जिससे बंदियों में उत्साह नजर आया|
जनजाग्रति सृजन वेल्फेयर फाउन्डेशन गुरूग्राम हरियाणा से आयीं डा० निर्मला पाण्डेय, छवि, रीता एवं श्रीमती रानी पाण्डेय ने कारागार के बंदियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा अपनी प्रत्येक संतान से प्रेम करता है, लेकिन कलयुग में लोग ईश्वर को भूल जाते हैं। जो दुख का कारण बनता है। जो व्यक्ति मनुष्य के साथ मानवता, इंसानियत, भाईचारा व सद्व्यवहार रखता है। ईश्वर उससे खुश होकर उसकी हर मुराद को पूरी करते हैं । डा0 निर्मला पाण्डेय ने कहा कि मनुष्य को हमेशा सत मार्ग पर चलना चाहिए। जो सद्मार्ग अपनाते हैं, उन्हें ईश्वर हमेशा खुश रखते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी की दुआएं प्राप्त करनी है, तो हमें दुआएं देने का काम भी करना होगा, क्योंकि जो हम देते हैं। वहीं हमें मिलता है। क्योंकि हम आम का पेड़ लगाएंगे तो उसमें आम ही लगेंगे। अगर हम दुआएं देंगे, सब के प्रति सद्विचार रखेंगे तो हमें उसका प्रतिफल हमें अवश्य मिलेगा। उन्होंने अपने उद्बोधन में प्रतिदिन मेडिटेशन करने पर जोर दिया। एकादशी के व्रत का महत्व बताते हुए कहा कि जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण दान, अश्वमेध यज्ञ एवं सूर्य ग्रहण के दान से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से मिलता है। कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक पीएन पाण्डेय, कारापाल बद्री प्रसाद, करूणेन्द्र कुमार यादव, उपकारापाल सुरजीत सिंह, अनीश यादव उपकारापाल, स्मिता भाटिया उपकारापाल आदि रहे|