फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण आज यानी 25 अक्टूबर को शाम को चार बजकर 22 मिनट से पांच बजकर 41 मिनट तक रहा। सूर्य ग्रहण से 12 घंटा पहले यानी सोमवार प्रात: चार बजकर 22 मिनट से सूतक काल लागू हो गया है। इस दौरान सभी जगह पर मंदिरों के कपाट बंद रहे। इस दौरान कोई भी धार्मिक या फिर शुभ कार्य वर्जित होता है। सूतक काल आज शाम को पांच बजकर 52 मिनट तक माना जाएगा।
शहर के रेलवे रोड़ के पांडेश्वर नाथ मन्दिर व मठिया देवी मन्दिर,गुरुगाँव देवी, बढ़पुर शीतला देवी मन्दिर, भोलेपुर के वैष्णो देवी मन्दिर आदि मन्दिरों के कपाट सूतक काल के दौरान बंद रहे| सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय मानते हैं, इसमें कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं करते हैं। ग्रहण के समापन के कुछ समय बाद सूतक काल का अंत होता है। जिस स्थान पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, वहां पर सूतक काल मान्य होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे या पांच घंटे पूर्व प्रारंभ होता है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 12 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है, जबकि चंद्र ग्रहण में सूतक काल पांच घंटे पूर्व प्रारंभ होता है।
सूर्य ग्रहण के बाद लगायी गंगा में डुबकी
सूर्य ग्रहण के दौरान लोग गंगा घाट के आसपास जप करते नजर आए। मोक्ष के बाद गंगा स्नान कर दान की परंपरा को पूरा किया। सूर्य ग्रहण की समाप्ति पर गंगा तट पर स्नानार्थियों की भीड़ जुटी। लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा के घाटों पर भी स्नान को लोग जुटे। ग्रहण के बाद मंदिरों को धुलने के बाद पट खोले गये|