रामदेव का 4 जून से आमरण अनशन

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वरिष्ठ समाजसेवक अन्ना हजारे के बाद अब योगगुरु बाबा रामदेव भी भ्रष्टाचार के खिलाफ नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 4 जून से आमरण अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने आज यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में इसकी घोषणा की।

रामदेव ने कहा कि उनके समर्थन में अन्ना हजारे, संतोष हेगड़े और किरण बेदी भी साथ रहेंगे। लेकिन जब उनसे विवादों में घिरे शांति भूषण एवं प्रशांत भूषण के शामिल होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि वह उनके बारे में कुछ भी बोलकर नया विवाद खड़ा करना नहीं चाहते हैं।

उन्होंने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के जन लोकपाल विधेयक की कमेटी में दलित सदस्य को शामिल करने के सवाल पर भी चुप्पी साध ली। उन्होंने खुद ही सफाई देते हुए कहा कि वह योग का अतिक्रमण नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि काला धन के रूप में विदेशी बैंकों में भारतीयों के 300 लाख करोड़ रुपए जमा हैं, इन रुपयों को वापस लाकर राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाना चाहिए।

बाबा रामदेव ने कहा कि वह अपनी मांगों का एक पत्र प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को भेज रहे हैं। उनकी तीन मुख्य मांगें हैं- कालाधन जमा करने वाले दोषी पर देशद्रोह का मामला चलाया जाए, यूएन कन्वेंशन एगेंस्ट करप्शन को संसद में पास कराया जाए और जन लोकपाल विधेयक में भ्रष्टाचार के खिलाफ मृत्युदंड का प्रावधान हो। योगगुरु ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके इस सत्याग्रह आंदोलन में हिन्दू और मुस्लिम धर्मगुरु भी शामिल होंगे।

बाबा रामदेव में दावे के साथ कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन के समर्थन में देश के 10 करोड़ लोगों के अलावा 100 से ज्यादा देशों में भी लोग अपने स्तर पर उतरेंगे। योगगुरु का कहना है कि भ्रष्टाचार के खत्म होने से ही आतंकवाद और नक्सलवाद भी समाप्त होंगे। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां भ्रष्टाचार में लिप्त है। बाबा रामदेव ने खुलासा किया कि वह सत्ता के लोभी नहीं हैं और उनका आंदोलन सत्ता पाने के लिए नहीं है बल्कि व्यवस्था बदलने के लिए है।