लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अब विधान परिषद स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं। इसके कारण प्रदेश में अभी 13 अप्रैल तक आचार संहिता लागू रहेगी। पहले विधानसभा चुनाव के साथ ही विधान परिषद के भी चुनाव होने थे, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने बाद में विधान परिषद चुनाव के लिए नया कार्यक्रम जारी किया। नौ अप्रैल को दोनों चरण का मतदान होगा जबकि 12 अप्रैल को मतगणना के बाद परिणाम आ जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में विधान परिषद स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया 15 मार्च से प्रारंभ होगी। विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों पर 15 मार्च से चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। पहले यह चुनाव विधानसभा चुनाव के साथ ही करवाने का कार्यक्रम तय हुआ था। चुनाव आयोग ने इसके लिए बाकायदा समय सारिणी भी घोषित कर दिया था। मगर बाद में चार फरवरी को इस बाबत जारी अधिसूचना को निरस्त कर दिया गया।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर नया कार्यक्रम जारी किया है, जिसके अनुसार अब 29 एमएलसी सीटों के लिए 15 मार्च से नामांकन दाखिल होंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 मार्च है। 21 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 23 मार्च तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। अगर जरूरी हुआ और एक सीट पर एक से अधिक नामांकन हुए तो शनिवार नौ अप्रैल को मतदान करवाया जाएगा। 12 अप्रैल को मतगणना करवाई जाएगी और परिणाम घोषित होंगे।
पहले चरण में 30 सीटों पर मतदान होगा। यह 30 सीट मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, बदायूं, पीलीभीत-शाहजहांपुर, हरदोई, खीरी, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, बाराबंकी, बहराइच, आजमगढ़-मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मीरजापुर-सोनभद्र, इलाहाबाद, बांदा-हमीरपुर, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फर्रुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मथुरा-एटा-मैनपुरीअलीगढ़, बुलंदशहर, मेरठ-गाजियाबाद तथा मुजफ्फरनगर-सहारनपुर हैं। इनमें भी मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से दो सदस्य चुने जाते हैं बाकी सभी निर्वाचन क्षेत्रों से एक-एक सदस्य का चुनाव होता है। दूसरे चरण में छह अन्य सीटों पर भी नौ को ही मतदान होगा।
विधान परिषद चुनाव के दूसरे चरण में गोण्डा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज, देवरिया और बलिया स्थानीय निकाय क्षेत्र की छह एमएलसी सीटों के लिए नामांकन 15 मार्च से दाखिल होना शुरू होंगे। 22 मार्च नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख होगी। 23 मार्च नामांकन पत्रों की जांच होगी। 25 मार्च नामांकन वापसी की आखिरी तारीख तय की गयी है। नौ अप्रैल को मतदान होगा। 12 अप्रैल को मतगणना करवायी जाएगी। उसी दिन परिणाम की घोषणा होगी।विधानमंडल के उच्च सदन में अभी तक समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों से अधिक है। अब दोबारा सत्ता में लौटने के बाद भाजपा का प्रयास विधान परिषद के चुनाव में भी बहुमत हासिल करने का रहेगा। विधान परिषद चुनाव में भाजपा इस बार विधानसभा चुनाव में हार प्रमुख नेताओं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ सुरेश राणा, सतीश कुमार द्विवेदी तथा उपेन्द्र तिवारी और विधायक संगीत सोम आदि को उच्च सदन में लाने का रहेगा।
सौ सीटों वाली विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों की 36 सीटें यहां राजनीतिक दलों का गणित बदलती रही हैं। वर्ष 2016 के चुनाव में समाजवादी पार्टी को 31 सीट मिली थीं। दो सीटों पर पर बसपा जीती थी। रायबरेली से कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंह जीते थे। वाराणसी से बृजेश कुमार सिंह व गाजीपुर से विशाल सिंह ‘चंचल’ ने जीत दर्ज की थी। दिनेश प्रताप सिंह बाद में भाजपा में शामिल हो गए। यह चुनाव भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। भाजपा इसमें अधिक से अधिक सीटें जीतकर विधान परिषद में बहुमत हासिल करना चाहेगी, जबकि समाजवादी पार्टी को विधानसभा चुनाव के बाद यहां पर भी अपनी सीट बचाने में लगना होगा। विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतें, जिला पंचायतें, क्षेत्र पंचायतें व छावनी बोर्ड के सदस्य मतदान करते हैं। वर्ष 2016 के चुनाव में कुल 1,27,491 मतदाता थे। यह चुनाव 938 मतदान केंद्रों पर हुआ था। इस बार के चुनाव में यह संख्या करीब 1.40 लाख होने की उम्मीद है।