संगीत ही जीवन है व जीवन ही संगीत: वर्षाताई

FARRUKHABAD NEWS सामाजिक

फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) नगर के एशियन कंप्यूटर सेंटर जोगराज स्थित सँगीत की विदुषीताई महाराष्ट्र मुम्बई से आयी ठुमरी सम्राट पं. ललन पिया संगीत की धरती फर्रुखाबाद को नमन किया उन्होंने कहा- संगीत ही जीवन है और जीवन ही संगीत है। वह संगीत की साधक रत पुष्पा रस्तोगी एवं शिक्षक, विद्या प्रकाश दीक्षित से संपर्क एवं संवाद किया और पंडित ललन पिया सारस्वत के विषय में जानकारी प्राप्त की| बर्षों पहले उन्होंने आचार्य ओम प्रकाश मिश्र कंचन द्वारा कला कुंज भारती के विशेषांक में पंडित ललन पिया के विषय में पढ़ा था उनको फर्रुखाबाद की धरती पर आने का संकल्प लिया था उत्तरा खण्ड की यात्रा के पश्चात उनको आज ऐसा सौभाग्य मिला वह संस्कार भारती के कला साधकों एवं पदाधिकारियों से संपर्क एवं संवाद किया और साहित्य कला संगीत के विषय एवं लोक मंगल कल्याण के लिये प्रेरणा दी।
सांय काल प्रान्तीय एवं स्थानीय संस्कार भारती के कला साधकों की बैठक में उन्होंने कहा संगीत वैदिक आध्यात्मिक मानव कल्याण का जीवन है और जीवन ही संगीत है। नारी सशक्तिकारण कला में उन्होने कहा भारत में नारी सनातन काल से देवी के स्वरूप में सम्मान ऋषियों-मुनियों देवताओं ने सदैव से किया पश्चिमी सम्मता में नारी सशक्तिकरण अभियान की आवश्यकता पड़ी| भारत ने सदैव लोक मंगल कल्याण की बात वेद पुराण उपनिषद में कही गयी|  मंत्रों का निर्माण स्त्री-पुरुष ने मिल कर किया
वैदिक युग की संस्कृति में भगवान विष्णु दशाअवतार नारायण के रूपों की व्याख्या करते हुये मानवीय संस्कृति को बचाने का प्रयास समरसता का भाव सनातन धर्म की स्थापना पर अपने बौद्धक विचार मानव सेवा नारायण का उद्‌बोधन दिया। उनके दशावतार पृथ्वी के उद्धार के लिए मंगल मैं कल्याण के लिए बरहा अवतार मत्स्य अवतार कच्छ अवतार नरसिंह अवतार वामन अवतार परशुराम राम कृष्ण और बुध अवतार लेकर मानव जीवन सृष्टि का उद्धार किया यह हमारी भारतीय संस्कृति वेद पुराण उपनिषद बताते हैं
संस्कार भारती की 40 बर्षों की यात्रा में बाबा योगेन्द्र और एक स्वर्गीय अमीर् चन्द्र एव स्वर्गीय कामतानाथ वैष्पायन को याद किया जिन्होंने अखिल भारतीय संस्कार भारती को कला साहित्य में बटवृक्ष बना दिया हम सब मिलकर उसको आगे बढ़ाने का संकल्प लें कलाये ही मानव जीवन को आगे बढ़ाने संकल्प लें कल आएगी मानव जीवन को परिष्कृत करती है वह पशुता से आगे बढ़ कर देवत्व प्रदान करती हैं मानव जीवन में ब्रह्मा अनन्द सुख देती हैं। संगीत उसकी एक विधा है महाराष्ट्र मुम्बई में पं. ललन पिया की ठुमरी के शोध पर बहुत कार्य किया संगीत की नृत्य नाटकों में रामकृष्ण विष्णु के दशा अवतारों पर नए नए प्रयोग किए और कार्यशाला लगाकर प्रशिक्षण दिया
जिसे लोगों ने सराहना की आप सभी उन्हें सदैव स्मरण बनये रखने के लिये आग्रह किया और आज मै अपने जीवन को धन्य समझती हूँ।  संगीत की देवी वर्षाताई को संस्कार भारती के प्रान्तीय महा मंन्त्री सुरेन्द्र पाण्डेय, अध्यक्ष दीपक रंजन सक्सेना आदेश अवस्थी, अनुभव सारस्वत रवीन्द्र भदौरिया, अखिलेश पाण्डेय, रामअवता शर्मा इन्दू, अरविन्द दीक्षित, भारती मिश्रा रजवीलौंगानी ने अतिथि देवोभव, का पुष्पमालाओं, उत्तरीय स्मृतिचिन्ह, साहित्य एवं गणेश का कलात्मक चित्र देकर मंगलमय अभिनन्दन किया| कार्यक्रम का संचालन अरविंद दीक्षित ने किया| संस्कार भारती के कला साधक अनुराग पाण्डेय रिंकू, सीवी तिवारी, अर्पण शाक्य, आकांक्षा सक्सेना, दिलीप कश्यप, मनोज मिश्रा, हर्ष दीक्षित व मुंबई के आयुक्त जीएसटी अखिल भारती, आईआरएस ऑफीसर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल कोल्हटकर भी रहे|