डेस्क: ठंड में अपने दिल का ख्याल रखिये। क्योंकि ठंड बढ़ने के साथ ही दिल को अटैक का खतरा हो रहा है। डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और मोटापे से पीड़ित लोगों को सबसे अधिक ख्याल रखने की जरूरत है। इनमें सबसे अधिक उन लोगों को ध्यान रखने की जरूरत है जो कोरोना से ठीक हुए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ ही धमनियां सिंकुड़ जाती है। जिससे दिल में रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। इसी वजह से दिल की परेशानी शुरू हो जाती है। एक से 14 दिसंबर तक की बात करें तो ह्दय रोग विशेषज्ञों की ओपीडी पहले के मुकाबले अधिक हो रही है। इसमें ज्यादातर संख्या उन लोगों की है जो 40 साल से कम उम्र के लोग हैं। इन 14 दिनों में 8470 से अधिक लोग ह्दय रोग विशेषज्ञों की ओपीडी में पहुंचे हैं। जिसमें तकरीबन 283 लोग माइनर अटैक के थे। जिन्हें भर्ती कर अस्पतालों में उपचार किया गया| मुरादाबाद जिला अस्पताल में ह्दय ओपीडी नहींः जिला संयुक्त चिकित्सालय में ह्दय रोग की ओपीडी नहीं होती है। सीने में दर्द का अगर मरीज इमरजेंसी में पहुंच गया तो उसकी ईसीजी निकालकर बता दिया जाता है कि हार्ट अटैक के लक्षण नजर आ रहे हैं। निजी अस्पताल या मेरठ मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया जाता है।
यह है वजह
– ब्लड प्रेशर बढ़ना
– तला-भुना अधिक सेवन करना
– श्रम नहीं करने की वजह से खून गाढ़ा होना
यह करें
– हर तीन माह बाद रक्तदान करें
– सलाद और मौसमी फलों का सेवन अधिक करें
– 40-50 मिनट व्यायाम या योग करें
– दिन में तेज कदमों से पैदल चलें
– भरपूर नींद लें
– तनाव न लें
– नमक नाम मात्र को ही इस्तेमाल करें
ह्दय रोगी दवा की डोज चेक कराएंः मौसम के उतार-चढ़ाव के लिए साथ ही दवा की डोज भी कम या ज्यादा होती है। इसके लिए ह्दय रोगियों को खास ख्याल रखना जरूरी है। वह अपने चिकित्सक के पास जाएं और दवा की डोज कम या ज्यादा कराएं। जिससे स्थिति कंट्रोल में रहे।वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. अनुराग मेहरोत्रा ने बताया कि छाती में दबाव, पसीना आना, दोनों बाजू में दर्द, पसीना आना, घबराहट होना यह ह्दयघात के लक्षण होते हैं। सीने में दर्द, जलन या भारीपन हार्ट अटैक की निशानी है। ऐसा महसूस होने पर फौरन चिकित्सक से संपर्क करें|
हृदय रोग विशेषज्ञ डा. नितिन अग्रवाल ने बताया कि डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों को खास ख्याल रखने की जरूरत है। ब्लड प्रेशर कम या अधिक होता है तो फौरन चिकित्सक को दिखाएं। इसके साथ ही खानपान संतुलित रखें। जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेंद्र कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल इमरजेंसी में उच्च रक्तचाप के मरीज अधिक आते हैं। जिनमें ह्दयघात से जुड़े लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें प्राथमिक उपचार देकर हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है।