फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कोविड की तीसरी लहर का असर सुर्ख़ियों में आनें लगा है| शासन और सरकार इसको लेकर गंभीर हो गये है| एक जगह 50 से अधिक व्यक्ति एकत्रित होंने की अनुमति नही दी जा रही है| इसके बाद भी आस्था की आड़ में जनपद को कोरोना की आग में झोंकनें का प्रयास किया गया| नगर मजिस्ट्रेट के आदेश की खूब धज्जियां उड़ाई गयीं| पुलिस मूक बनी देखती रही| परिणाम यह हुआ की मंगलवार दोपहर नगर का हर गली और चौराहा जाम की झाम में उलझ गया| एम्बुलेसं हो या चिकित्सक की गाड़ियाँ जाम में फंसे रहे| जिससे मरीजों को पैदल जानें पर मजबूर होना पड़ा| तस्वीरें जो वयां कर रही है वह जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को उजागर कर लेता है|
दरअसल शहर कोतवली क्षेत्र लकुला स्थित मैदान में साकार विश्व हरी का सत्संग का कार्यक्रम होना था| जो कई दिनों से चल रहा था| जिला प्रशासन की तरफ से केबल 50 लोगों की अनुमति थी| इसके साथ ही कोविड नियमों का पालन करनें आदि की भी हिदायत दी गयी थी| एक कागज पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करनें के बाद मंगलवार को विशेष समागम का आयोजन किया गया था| बाबा के अनुयाई यूपी, राजस्थान, गुजरात, आंध्र-प्रदेश, दिल्ली आदि प्रान्तों से मुख्य रूप से पंहुचना शुरू हो गये थे| लेकिन पुलिस रात को सोती रही| बाबा के गुलाबी गार्ड चौराहों और तिराहों पर लगकर आने वाले वाहनों को अपने हिसाब से सड़क के किनारे आलू मंडी रोड़, इटावा-बरेली हाई-वे, मेला राम नगरीया परिसर, आलू मंडी के भीतर खड़े कराते रहे| जिससे धीरे-धीरे सुबह होते होते शहर जाम हो गया| फतेहगढ़-फर्रुखाबाद मार्ग पर आवास विकास चौराहा,लाल दरवाजा, बढ़पुर में चक्का जाम हो गया| सत्संग करनें का समय दो बजे का था दो बजनें के बाद पुलिस पंहुची और उन्होंने सत्संग को खत्म कराना शूरू किया| लाखों की संख्या में भीड़ सड़कों पर आ गयी| जिससे जाम और अधिक बढ़ गया| बाबा के गुलाबी गार्ड फिर से रूट डायवर्ट करनें में लग गये| जिससे फिर जाम लग गया| एम्बुलेंसे चीखती रहीं| लेकिन जिम्मेदार आफिस में बैठकर आदेश देते रहे| आखिर कई मरीजों की जब हालत बिगड़ी तो उन्हें पैदल जाम से निकाला गया| नगर मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव नें बताया कि आदेश का अनुपालन सत्संग के दौरान तोड़ा गया| कार्यवाही की जायेगी|