फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) घने कोहरे ने शनिवार तड़के से ही शहर के रफ्तार पर रोक लगा दिया। न सिर्फ वाहनों की रफ्तार धीमी हुई, बल्कि सारा कामकाज ठंडा पड़ गया। शनिवार लगभग सुबह 10 बजे तक घने कोहरे का प्रकोप रहा। वहीं जिले का तापमान तेजी से नीचे गिरने से ठंड में बढ़ोत्तरी हुई है। भारी कोहरे के कारण दृश्यता बहुत कम रही। सड़कों पर तेजी से दौड़ने वाली गाड़िया रेंगती नजर आई। अचानक पारा लुढ़कने व कोहरा पड़ने से जगह-जगह अलाव जलने लगे। वहीं किसानों को राहत मिली है। गेहूं की फसल को कोहरे से फायदा होगा। वहीं आलू के लिए झुलसा लेकर कोहरा आया है|
बीते लगभग चार दिनों से मौसम के करवट से बड़ा बदलाव आ गया है। शनिवार को लोगजब घरों से बाहर टहलनें के लिए निकले तो कोहरे की घनी चादर सड़कों और खेतों पर बिछी नजर आयी| कोहरे की चादर में शहर और गांव भी लिपटा रहा। कोहरे से किसानों को भले ही फायदा पहुंच रहा हो लेकिन कोहरा जारी होंने से आम लोगों में बेचैनी भी दिख रहे हैं। अलावा का प्रबंध न होने से जहां शहर में लोगों को दिक्कत होते दिखी, वहीं अभी रैन बसेरों के व्यवस्थित न होने से अस्पताल में तीमारदारों के सामने परेशानी दिखे।
महीने भर देरी से बढ़ी ठंडी, अभी ऐसे ही रहेगा मौसम
अक्तूबर से ही दस्तक देने वाली ठंडी इस बार महीने भर देरी से नवंबर महीने में असर दिखाना शुरू किया लेकिन कोहरे नहीं देखने को मिला। वहीं दिसंबर के पहले सप्ताह में अचानक ठंड बढ़ने के साथ कोहरे का असर शुरू हो गया। घने कोहरे जैसा मौसम अभी रहने के आसार दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि कोहरे की शुरुआत देर से हुई तो देर तक ऐसे ही मौसम रहेगा। बारिश होने या सर्द हवा चलने पर ही कोहरे से निजात संभव है।
ठंड बढ़ने से खिले किसानों के चेहरे
कोहरा व ठंड बढ़ने से किसानों के चेहरे खिल उठे। किसानों के अनुसार ठंड बढ़ने से गेहूं की पैदावार बढ़ेगी वहीं सरसों, चना, मसूर व अन्य तिलहन की फसलों को भी लाभ होगा। कोहरा व पाला से आलू की फसल को नुकसान पहुंच सकता है।