फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कार्तिक पूर्णिमा पर ऐतिहासिक मंदिर पांडेश्वर नाथ मंदिर एवं द्वादश ज्योतिर्लिंग पर देव दिवाली पर्व बड़ी धूमधाम के साथ शिव भक्तों ने महाआरती के साथ सैकड़ों दीपों से मंदिर को सजाया|
मंदिर के पुजारी राजेश शर्मा, गोपाल शर्मा, उमेश शर्मा ने बताया भगवान महा विष्णु लक्ष्मी के जागृत होते हैं देवस्थान एकादशी से पूर्णिमा तक मानव और देव दिवाली मनाते हैं उसके पीछे पौराणिक अनंत कथाएं हैं| हिंदू धर्म में पूर्णिमा का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 13 हो जाती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पुर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फाल मिलता है।
संस्कार भारती के कलाकारों द्वारा रंगोली बनायी गयी|
साधना श्रीवास्तव, हेमलता श्रीवास्तव, नेहा सक्सेना, काजल, मिताली टंडन, गुनगुन टंडन आदि लोगो ने रंगोली बनायी| डॉ० सर्वेश सक्सेना, सुरेंद्र पांडे, रविन्द्र भदौरिया, अनुराग पांडे ‘रिंकू ‘ अरविन्द दीक्षित आदि लोग मौजूद रहे|