फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बुधवार को श्रीराम विविध कला केंद्र के तत्वाधान में बड़े ही धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाया श्री राम जन्म उत्सव इस दौरान जैसे ही भगवान श्री राम के जन्म का मंचन किया गया तो जय श्रीराम के जयकारे से पंडाल गूंज उठा। मनमोहक मंचन देख श्रोता भावविभोर हो उठे।
रामलीला मैं नारद मुनी लीला का मंचन किया गया। इस दौरान नारद मुनि भगवान विष्णु को श्राप देते हैं कि उन्हें धरती पर मानव के रूप में जन्म लेना होगा। उधर, अयोध्या के राजा दशरथ की बढ़ती उम्र के साथ उनकी तीनों रानियों कौशल्या, कैकेयी व सुमित्रा को कोई संतान नहीं हुई। ऐसे में उन्हें अपने राजकाज चलाने की चिता सताने लगी। यह बात राजा दशरथ ने अपने कुलगुरु वशिष्ठ को बताया। वशिष्ठ ने राजा दशरथ को श्रृंगी मुनि के पास जाकर पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाने की सलाह दी। तब राजा दशरथ ने श्रृंगी मुनि के पास जाकर पुत्रेष्ठि यज्ञ करवाया। उसके बाद अग्नि देव प्रकट होते हैं। अग्नि देव ने राजा दशरथ को खीर का कटोरा दिया। राजा दशरथ ने उस खीर को अपनी तीनों रानियों को खाने के लिए दिया। समय बीतने के साथ ही कुछ दिनों बाद तीनों रानियों से चार राजकुमारों को जन्म दिया। राजा दशरथ के यहां पुत्र जन्म की खबर सुनकर पूरी अयोध्या झूमने लगी। वहां पर दीपावली जैसा माहौल रहा। राजा दशरथ खुश होकर अपने प्रजा में उपहार बांटे। लीला देखकर सभी ने भगवान श्री राम को नमन किया और जय श्री राम के जयकारे लगाए। विजय दुबे मटर लाल( निदेशक श्री राम कला विविध केंद्र ),आशीष दीक्षित(राम जी),मोहन दुबे ,छवि शुक्ला,पुरुषोत्तम शुक्ला, शिवओम पाण्डेय, अखिलेश द्विवेदी, अंशिता दीक्षित आदि रहे|