लखनऊ:योगी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल को चल रहा अटकलों का सिलसिला अब थमने का वक्त आ गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल की मुलाकात के बाद यह संभावना मजबूत हो गई है कि प्रदेश नेतृत्व के दिल्ली से लौटते ही किसी भी दिन मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा। बताया जा रहा है कि विधान परिषद सदस्य के लिए भी चार नामों पर सहमति बन गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार में अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कुल 53 मंत्री हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। मानक के अनुसार साठ मंत्री बनाए जा सकते हैं इसलिए सात और मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है। अब विधानसभा चुनाव में कुछ माह ही बचे हैं। सरकार और संगठन दोनों ही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की नीति-रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी सोच के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर विचार-विमर्श शुरू हुआ। इसके साथ ही चार एमएलसी मनोनीत किए जाने हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही एमएलसी मनोनयन की प्रक्रिया भी रुकी है। चर्चा यही है कि नए एमएलसी में से भी एक-दो को मंत्री बनाया जा सकता है इसलिए हर तरह से समीकरण पर विचार किया जा रहा है। जिस तरह से विधानमंडल सत्र स्थगित होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल दिल्ली पहुंचे,उससे ही संभावनाओं ने जोर पकड़ लिया कि मानसून सत्र के लिए ही प्रक्रिया रुकी थी। सूत्रों के अनुसार,नड्डा और शाह के साथ हुई मुलाकात में मंत्रिमंडल विस्तार और एमएलसी बनाए जाने के लिए चार नामों पर सहमति बन गई है। अब दिल्ली से लौटकर किसी भी दिन नामों की घोषणा हो सकती है|
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