लखनऊ: योगी सरकार उत्तर प्रदेश के 40 लाख अंत्योदय कार्डधारक परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल करने जा रही है। इस योजना में शामिल होने पर इनमें से प्रत्येक परिवार को निजी और सरकारी अस्पतालों में सालाना पांच लाख रुपये तक के निश्शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। यह वे परिवार होंगे जो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से वंचित रह गए हैं।
बुधवार को लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। कैबिनेट बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस फैसले की जानकारी दी।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 में हुई सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर वंचित और गरीब परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सितंबर 2018 में शुरू की थी। उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में 1.18 करोड़ परिवार शामिल हैं। आयुष्मान भारत योजना से छूटे पात्र गरीब परिवारों के लिए योगी सरकार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना संचालित कर रही है। आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर इस योजना में शामिल परिवारों को भी सालाना पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में अभी प्रदेश के 10 लाख गरीब परिवार शामिल हैं।
योगी सरकार ने अब आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से वंचित प्रदेश के 40 लाख अंत्योदय कार्डधारक परिवारों को भी मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल कर उसका लाभ देने का फैसला किया है। यदि माना जाए कि अंत्योदय कार्डधारक एक परिवार में औसत चार सदस्य हैं, तो सरकार के इस फैसले का लाभ प्रदेश के 1.6 करोड़ लोगों को मिलेगा।इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए 102 करोड़ रुपये का व्यायभार अनुमानित है। कैबिनेट ने यह भी तय किया है कि यदि अंत्योदय कार्डधारक परिवारों को योजना में शामिल करने पर बजट में आवंटित धनराशि से ज्यादा खर्च होता है तो अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था अनुपूरक बजट के जरिए की जाएगी।