फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कई दिनों की भीषण गर्मी व उमस के बीच अचानक आसमान में बादलों का घेरा बढ़ने लगा। देखते ही देखते काली घटा छा गई। थोड़ी ही देर में अंधड़ के साथ आसमान में गरजते बादलों से बारिश की बूंदें टपकने लगीं। जिसके बाद जनपद के अधिकांश इलाकों में झमाझम बारिश के साथ ही जिला मुख्यालय पर भी बादलों की मेहरबानी शुरू हो गई। इसके बाद रुक-रुक कर हुई झमाझम बारिश ने कुछ ही देर में शहर की सड़कों व मैदानों को पानी-पानी कर दिया। वर्षा के साथ आई हवा से गर्मी व उमस का घुटन भरा माहौल खुशनुमा हो गया। वहीं धान की खेती के लिए यह अमृत समान माना जा रहा है। बारिश से आमजन को राहत मिली तो धान किसानों के चेहरों पर मुस्कान दौड़ गई। बच्चे बारिश में नहाते दिखे।
पिछले एक सप्ताह से आसमान में बादलों के उमड़ने-घुमड़ने का सिलसिला बना हुआ था, लेकिन बारिश नहीं हो रही थी। सोमवार को शहर की सघन बस्तियों में रहने वाले बच्चे व नौजवान कोविड-19 के खतरों को दर
किनार कर बारिश में भींगते नजर आए। कई जगह अच्छी बारिश होने से कच्चे रास्ते जहां कीचड़ से भर गए, वहीं इटावा-बरेली हाईवे पर फिसलन बढ़ गई। बिजली कड़कने के चलते कई जगह दो-पहिया वाहन चालक दुकानों के आस-पास अपने वाहन खड़े कर दुबके रहेदिखे।
बारिश के साथ आसमान से धान के लिए बरसा अमृत
बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। उन्हें रोपे गए धान की फसल के लिए संजीवनी मिल गई। जमीन पर नहर सूखी तो ऊपर आसमान से भी पानी की उम्मीद टूट गई थी। बारिश न होने से धान की फसल सूखने के कगार पर प
हुंच गई थी। किसानों ने बारिश की उम्मीद में येनकेन प्रकारेण धान की रोपाई भी कर दी थी। इस बीच कुछ किसान डीजल की कीमत में वृद्धि से नलकूप चलाकर रोपाई कराने में असमर्थ हो रहे थे। इस बीच हर तरफ बारिश देख खेतों में धान की नर्सरी रोप चुके किसानों खुश थे। किसानों ने बताया कि झमाझम बारिश ने धान की खेती के लिए अमृत का काम किया है।