फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) डेंगू के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय डेंगू दिवस हर साल 16 मई को नेशनल डेंगू डे के रूप में मनाया जाता है| इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को डेंगू के बुखार के बारे में जागरूक करना है|
जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने बताया कि डेंगू मादा एडीज मच्छर के काटने से इंसानों में फैलता है. यह मच्छर दिखने में सामान्य मच्छरों से कुछ अलग होते है इनके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है और यह मच्छर अक्सर दिन में काटते है| अत: हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की सुबह और दिन के वक्त हमें मच्छर ना काटें|
डेंगू हल्का और गंभीर दोनों तरीके से हो सकता है। संक्रमित होने पर इसके लक्षण 4 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं। हल्के लक्षण में तेज बुखार होना, सिरदर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना, आंखों में दर्द होना, त्वचा पर लाल चकत्ते होना आदि हैं। जबकि गंभीर मामले होने पर गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी होना, मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव, उल्टी में खून आना, त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना, सांस लेने में कठिनाई, थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन या बेचैनी आदि हैं। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं|
सुजाता ठाकुर ने बताया कि डेंगू की रोकथाम का सबसे पहला और जरूरी कदम यही है कि आप मच्छरों को पैदा होने से रोकें। डेंगू के मच्छरों को खत्म करने के लिए सबसे पहले सभी को अपने आसपास की जगह को साफ रखना चाहिए| ऐसे में पानी के कंटेनर खाली कर दें और जिन जगहों पर पानी के जमा होने की उम्मीद हैं वहां कीटनाशकों का उपयोग करें. टायर, बोतल, कूलर, गुलदस्ते खाली करना चाहिए क्योंकि इन जगहों पर डेंगू के मच्छर अधिक होते हैं. सोते समय चारों तरफ मछरदानी लगाकर सोएं और खिड़की और दरवाजों पर जाली लगाकर रखें|