विधानसभा का सेमीफाइनल होगा पंचायत चुनाव, राजनैतिक दलों की साख भी दांव पर

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे अब प्रत्याशियों ने घर-घर संपर्क अभियान तेज कर दिया है। वहीं राजनैतिक दलों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी जिला पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवारों के समर्थन में ताकत झोंक रहें है। इन सबके बीच प्रमुख राजनैतिक दलों की साख भी दांव पर लग गई है। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए भाजपा व सपा ने सभी वार्डाें में प्रत्याशियों को समर्थन दिया है। वहीं कांग्रेस से समर्थित लोग चुनाव लड़ रहे हैं।  लेकिन यह जिला पंचायत का चुनाव आगामी 2022 के विधान सभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है| बसपा नें भी अपने उम्मीदवार उतारें हैं|
प्रत्याशी पूरे दमखम के साथ प्रचार में लगे हैं। ज्यादातर प्रत्याशियों को पदयात्रा और डोर-टू-डोर जनसंपर्क करते देखा जा रहा है। पिछली बार की तरह ज्यादा चुनावी शोर अब तक नहीं दिख रहा है। प्रचार के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है। वाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर आदि का इस्तेमाल तो पहले से ही हो रहा है। अब मतदाताओं से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रचार वाहन लाउडस्पीकर से ज्यादा मैसेज और सोशल मीडिया का सहारा लें रहे है| जिससे उनका प्रचार तेज और स,समय से हो|
कोई जाति तो कोई रिश्तेदारी के नाम पर मांग रहा वोट
चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल अब गरमाने लगा है। गली मुहल्ले में वोट मांगने वाले प्रत्याशी सुबह से वोटरों के घरों का चक्कर काटने लगे हैं। इधर किसी भी उम्मीदवार के समर्थन में बड़े नेताओं के मैदान में नहीं आने के कारण बाजार में चुनावी माहौल नहीं बन पा रहा है। प्रत्याशी वोटरों से अपने पक्ष में वोट देने की अपील करते नजर आ रहे हैं। यहां कुछ ऐसे भी प्रत्याशी हैं जो इंतजार में हैं कि कोई बड़ा प्रत्याशी आकर कहे कि वह समर्थन में बैठ जाए। कई प्रत्याशी केवल अपने विरोधियों को सबक सिखाने के लिए मैदान में डटे हुए हैं। कुछ प्रत्याशियों के माइक भी बजने लगे हैं। प्रत्याशियों को अपने सगे संबंधियों तथा दोस्तों पर भरोसा है कि वह जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इधर वोटर तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसे वोट दें या किसे नहीं। वोटरों के लिए अभी ठोस फैसला करना मुश्किल हो रहा है। अभी तक कोई जाति तो कोई रिश्तेदारी के नाम पर वोट मांग रहा है।
सत्ता के सिम्बल से चुनाव जीतनें की आस!
जिसकी लाठी उसकी भैस की कहावत इस चुनाव में नही चलेगी| जिला पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टी से टिकट पानें के लिए लगभग तीन सैकड़ा आवेदन आये थे| उन्हें भरोसा था कि चुनाव सत्ताधारी पार्टी से उम्मीदवार बनके जीता जा सकता है| लेकिन माना जा रहा है कि जिला पंचायत चुनाव में मतदान सीधा प्रत्याशी का चेहरा देखकर ही होगा| लेकिन फिलहाल प्रत्याशियों को यही आस है कि वह पार्टी की छवि पर चुनाव जीतेंगे|
प्रत्याशियों को अब सिम्बल मिलनें का इंतजार
प्रत्याशियों को अब चुनाव चिन्ह मिलनें का इंतजार बेसब्री के साथ है| चुनाव चिन्ह मिलते ही प्रत्याशी मतदाताओं के बीच पंहुच जायेगें| प्रत्याशियों का कहना है कि चुनाव चिन्ह आबंटन होनें से मतदाताओं से मिलकर उन्हें चिन्ह के बारे में बतायेंगे| चुनाव चिन्ह पर ही मतदान होगा| लिहाजा चुनाव चिन्ह मिले|