बैंड, बाजा व बारात पर फिर लगा कोरोना का ग्रहण, कई विवाह स्थगित

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डेस्क: अगले सप्ताह से शुरू हो रहे लग्न पर कोरोना की काली नजर लग गई है। अप्रैल और मई में हजारों से ज्यादा शादियां प्रस्तािवित हैं और ज्यादातर लोगों ने शादी की तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन बढ़ते संक्रमण के बीच एक बार फिर धूमधाम से शादी की उम्मीद लगाए लोगों के सपने को बड़ा झटका लगा है। कोरोना वायरस को लेकर परेशान सरकार ने एक बार फिर सख्त नियम लागू किए हैं जिसके चलते पहले से तय हो चुकी शादियां या तो स्थगित हो रही हैं, या फिर मेहमानों की संख्या में कटौती करनी पड़ रही है। खासकर रविवार के दिन पड़ने वाली शादियों को स्थगित किया जा रहा है।
साउंड सिस्टम, बैंडबाजा और कैटरिंग की निरस्त हुई बुकिंग
अप्रैल-मई शादियों का सीजन होता है। शुभ मुहूर्त के चलते इस महीने बड़ी संख्या में लोग शादी के बंधन में बंधते हैं, लेकिन कोरोना की वजह से लागू किए गए नए नियमों के चलते लोगों को अपने प्लान में बदलाव करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ, शादियों से अपना रोजगार चलाने वाले साउंड सिस्टम, बैंडबाजा और कैटरिंग सहित कई अन्य लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना के प्रभाव से फोटो-वीडियो के साथ ही ट्रैवल्स एजेंसी संचालक भी अछूते नहीं हैं। महामारी और सख्त नियमों की वजह से कई शादियों की बुकिंग स्थिगित की जा रही है। मैरिज हाउस संचालकों के मुताबिक तीन दिनों में सौ से ज्यादा शादियां स्थिगित कर दी गई हैं या नवंबर तक टाल दी गई है। शादियों को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन न होने के कारण वर-वधू पक्ष के लोग भी परेशान हैं। लोग शादियां स्थगित कर रहे हैं। रविवार के दिन जिसकी शादी पड़ेगी उसके मेहमान को आने में बहुत दिक्कत होगी।
बैंड बजाने वाले सुनील कुमार नें बताया कि प्रशासन द्वारा काेई स्पष्ट गाइडलाइन जारी न करने के कारण स्थिति साफ नहीं हो पा रही है। समय की सीमा और मेहमानों की सीमित संख्या की वजह से बहुत से लोगों ने बुकिंग कैंसिल करा दी है। अगर ऐसे ही हालत बने तो रहे तो बैंड-बाजा से जुड़े हजारों लोगों के सामने भुखमरी की नौबत आ जाएगी। अधिकांश शादी समारोह रात में होते हैं और खाना भी रात नौ बजे के बाद  शुरू होता है। ऐसे में रात आठ बजे से पहले आयोजन समाप्त करना मुमकिन नहीं है। हालात को देखते हुए जिन लोगों ने मेहमानों की संख्या कम की है वह मेहनताता भी कम कर रहे हैं, जबकि मेहमान पचास हो या पांच सौ खाना बनाने का खर्च लगभग एक बराबर आता है।
लंहगा, साड़ी, शेरवानी की मांग
बीते शनिवार को कपड़ों की दुकानों पर रौनक दिखाई दी। खासकर शादी की तैयारी में जुटे लोग लंहगा, साड़ी, शेरवानी, सूट खरीदते नजर आए। ज्यादातर लोगों ने खरीदारी के लिए रविवार का दिन तय किया था, लेकिन कोरोना कफ्यू के कारण एक ही दिन पहले खरीदारी पूरी कर ली। नेहरु रोड पर लंहगा खरीदने आईं गीता देवी ने बताया कि 29 मई को बेटी की शादी है। पिछले साल की तरह लाकडाउन न लग जाए इसलिए जल्दी-जल्दी तैयारी की जा रही है। सराफा की दुकानों पर भी लोग ज्वेलरी खरीदने पहुंच रहे हैं। सर्राफा कारोबारी नेहा अग्रवाल ने बताया कि पिछले माह जब सोना सस्ता हुआ था तब लोगों ने जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर ली थी। अब इक्का-दुक्का लोग ही शादी के लिए खरीदारी करने आ रहे हैं।