फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कोई नये नही भाजपा खेमे के पहले भी कृपा पात्र रहे बॉबी यादव एक बार फिर सत्तानसीन नेताओं की अनुकंपा से जिला पंचायत की कुर्सी पर अपनी नजरें जमायें बैठे है| क्योंकि भाजापा के जिन अन्य प्रत्याशियों को टिकट मिली है उससे अब अध्यक्ष कौन बने इसकी टेंशन शुरू हो गयी है|
जिला भाजपा कुछ पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि सपा नेता बॉबी यादव के अति करीबी हैं वहीं एक धड़ा सपा नेता बॉबी यादव को भाजपा से टिकट दिये जाने से काफी खफा है| उन्होंने भीतर ही भीतर जड़े खोदना भी शुरू कर दिया है| कुछ जनप्रतिनिधियों के बरदहस्त से बीजेपी से कमालगंज षष्टम की टिकट रीता यादव को मिलने के बाद भी जीत की रबडी इतनी आसान नही क्योंकि इस अविश्वसनीय टिकट वितरण को लेकर भाजपा नेताओं व जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं का एक बड़ा धडा भीतर ही भीतर बेहद खफा है| कई भाजपा नेताओं से नें नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि कमालगंज के जिला पंचायत षष्टम क्षेत्र से कुछ लाभ प्राप्त भाजपा नेताओं की कृपा द्राष्टि से भाजपा नें भाजपा के वर्षो से पसीना वहा रहे किसी कार्यकर्ता को टिकट ना देकर सपा खेमें के नेता को कमल पकड़ा दिया| जबकि यह वहीं सपा है जिसके समय में भाजपा नेता और जनप्रतिनिधियों का ज्ञापन तक लेनें कलेक्टर साहब अपने कार्यालयों के बाहर नही आते थे| लेकिन जब भाजपा की सरकार आयी तो राजनीति के मायने बदल गये और आज सांप और नेबले का जबरदस्ती मिलन करानें का प्रयास हो रहा है| मंच से दर्शाया जा रहा है कि दोनों खासे दोस्त है लेकिन दोस्ती एक दूसरे के खून में नही| जो ना समझे वो अनाड़ी है! लेकिन ये पब्लिक है यह सब जानती है|
लेकिन सर्वविदित है कि 12 वर्षों के वनवास के बाद भाजपा 2017 के यूपी में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आयी| जिले की चारो की चारो विधान सभा सीटों पर भाजपा का परचम लहराया| तो लगा कि अब भाजपा कार्यकर्ता सत्तासुख का रसपान कर पायेंगे|लेकिन मामला इससे बिल्कुल इतर है| आपको नही पता सरकारी अनाज के सप्लायर सपा नेता बॉबी यादव के राजनैतिक तार जिला भाजपा की जड़ों तक हैं| सरकार बनने के बाद सरकारी अनाज में घटतौली के मामले को लेकर एक माननीय नें ताबड़तोड़ छापेमारी की| यह सब मीडिया और तत्कालीन अफसरों की मौजूदगी में हुआ था और घटतौली पकड़ी भी गयी| मीडिया नें तो अपना काम किया| दूसरे दिन बड़ी खबर सुर्खियों में छपी| इसके बाद भीतर ही भीतर क्या खिचड़ी पकी आज तक पता नही| लेकिन इसका असर यह हुआ कि राशन सप्लायर के कई माननीय व पार्टी के कुछ पदाधिकारी से सबंध हो गये|
इसका फायदा यह रहा कि कुछ ही दिनों बाद लोधी नेता व पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत की पुत्रबधू अल्का राजपूत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें प्रमुख की कुर्सी से उतार रीता यादव प्रमुख की कुर्सी पर आसीन हुईं| लेकिन खास बात यह ही कि उस समय भी एक सांसद और चार विधायकों वाली भाजपा को अपनी ही सरकार में बढ़पुर व्लाक प्रमुख के लिए एक अद्द्द प्रत्याशी नही मिला| इसका भाजपा नेताओं के परिणाम यह हुआ कि भाजपा नेताओं के नजदीकियों का फायदा सपा प्रत्याशी बॉबी यादव को मिला और वह बढ़पुर व्लाक के पद पर उनकी भाभी रीता यादव का निर्विरोध निर्वाचन हो गया| तबसे व्लाक प्रमुख की कुर्सी को कोई खतरा नही हुआ|
वहीं पूराने सम्बन्ध आज फिर काम आये और बॉबी यादव को प्रत्याशी बनाया गया| भाजपा के कमल के फूल को लगातार अपने पसीने से सींचने वाले कार्योकर्ताओं को केबल कीचड़ मिला| वह विचारे अब उसी को सोशल मीडिया पर उछाल रहें है|