फर्रुखाबाद:(शमसाबाद संवाददाता) खेतों में सिचाई की समस्या बढने से किसान के माथे पर बल नजर आनें लगा है| किसानों के खेतों को तर करनें वाली निचली गंगा नहर काफी दिनों से खुद प्यासी है| नहर में पानी ना आने से किसान परेशान हो रहा है|
शमसाबाद क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों से होकर निकली निचली गंगा नहर पिछले लगभग दो सप्ताह से सुखी है, किसानों की फसले सिचाई के अभाव में सूखने लगी है, अधिकांश किसानों के खेतों में सिचाई तथा परेबट का कार्य प्रभावित हो रहा है| सिंचाई की समस्या से जूझ रहे किसान बृजेश कुमार, संजीव कुमार, राजेश कुमार, रामवीर, सुदेश कुमार, सुशील कुमार आदि ने बताया कि उनके खेतों में हरी भरी फसने सिंचाई के अभाव में सूखने लगे हैं| इस समय गन्ने की तैयार हो रही है जिसमे सिंचाई की सख्त आवश्यकता है, तंबाकू, मेंथा एवं फल व सब्जियों की खेती करने वाले किसान भी काफी बेहाल हैं| कड़ी धूप और पछुआ हवाओं से बचाने के लिए सिंचाई बेहद जरूरी हो गयी है|
नहर विभाग की लापरवाही से किसान आहत है| लंबे समय से पानी का ना आनें से गरीब किसानों की बर्बादी का संकेत है| किसानों का कहना है जहां एक ओर सिंचाई के अभाव में किसानों की फसलें सूख रही हैं वहीं दूसरी ओर आम और आम और अमरूद के बागों की सिंचाई का कार्य भी प्रभावित चल रहा है| आम के बागों में बौर आया है समय रहते सिचाई नहीं की तो आने वाले समय में आम के उत्पादन में गिरावट की आशंका हो जाएगी| वैसे भी इस बार आम के बागों में हल्के बौर की आमद है| बागबानो की माने तो इस बार 40 प्रतिशत से भी कम बौर देखा जा रहा है जबकि भविष्य की देबीय आपदाये आनी बाकी है|
नहर विभाग के अधीक्षण अभियंता अरुण कुमार ने बताया मुख्य नहर में 5 मार्च से पानी नहीं आया जिससे नहर में फिलहाल 10 दिन पानी आने में लगेगा|