फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को होगी। 14 जनवरी को दिन के दो बजकर पांच मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके कारण मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही मनाई जाएगी। आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल ने बताया कि सूर्य सिद्धांत की व्याख्या के अनुसार मकर संक्रांति इस बार 14 को ही मनेगी। इसकी तिथि को लेकर किसी प्रकार का विवाद नहीं है। सामान्य रूप से भी हर साल 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाया जाता रहा है। एक दिन पूर्व की मध्य रात्रि से लेकर अगले दिन के मध्य रात्रि के बीच अगर संक्रांति होती है तो मकर संक्रांति उसी दिन मनायी जाती है। सूर्य सिद्धांत में इसका स्पष्ट विवरण मिलता है। चूंकि 14 जनवरी को मध्य रात्रि से पूर्व दिन के 2:05 बजे ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसलिए मकर संक्रांति 14 को ही मनाई जाएगी।
स्नान-दान का है विशेष महत्व: मकर संक्रांति पर स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है। खासकर गंगा में स्नान का विशेष महत्व कहा गया है। गंगा में मकर संक्रांति पर्व के दिन स्नान करना अत्यन्त पुण्य को प्राप्त करने के समान है। इसी मान्यता के अनुसार लोग मकर संक्रांति के दिन गंगा या अन्य सरोवर में स्नान करते हैं। नहाने के बाद धार्मिक मान्यता के अनुसार लोग कर्मकांड करते हैं।
संक्रांति के दिन खा सकते हैं खिचड़ी : बहुत लोग ऐसे हैं जो गुरुवार को खिचड़ी नहीं खाते। ऐसे लोग अलगे दिन खिचड़ी खाते हैं। गुरुवार को मकर संक्रांति होने पर कई लोग उस दिन खिचड़ी नहीं खाते। आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल ने बताया कि यह गलत है। मकर संक्रांति जिस दिन होगी, खिचड़ी उसी दिन खानी चाहिए। दिन में दही चुड़ा, तिल, गुड़ खाने के बाद रात में खिचड़ी का आनंद लोग ले सकते हैं। बता दें कि मकर संक्रांति को रात में कुर्थी के दाल से बना खिचड़ी खाने का धार्मिक महत्व बताया गया है।
बाजार में कई तरह के तिलकुट
बाजार में करीब एक दर्जन प्रकार का तिलकुट व गजक उपलब्ध है। नगर में घूमना पर अधिक मात्रा में गजक की दुकानें सजी है| गजल और तिलकुट जो आधा किलो के डिब्बे में पैक कर बिक रहा है। दुकानदार दीपू ने बताया कि गजक व तिलकुट की कीमत दौ सौ रुपये किलोग्राम से लेकर 350 रुपये तक बिक रही है। लेकिन, मर्चा चिउड़ा की तिताई में वृद्धि दिख रही है। साधारण चिउड़ा जहां 28 से 30 रुपया बिक रहा है। वहीं मर्चा चिउड़ा की कीमत 160 से 170 रुपया प्रति किलो है।