लखनऊ: प्रदेश में ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त होने के बाद से अब पंचायत चुनाव तक ग्राम सभा का कार्यभार एडीओ के पास रहेगा। पंचायत के नये चुनाव होने से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार अब प्रधानों के कार्यकाल में हुए सभी खर्च की जांच कराएगी।
ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को खत्म हो गया है। भ्रष्टाचार के मामले में जरा भी ढील न देने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार को इस जांच में बड़ा मामला सामने आने की आशंका है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पंचायती राज विभाग प्रधानों के कार्यकाल में आवंटित और आहरित धनराशि की जांच की कराएगी। इस दौरान कमी मिलने पर ग्राम प्रधानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी। सूबे की सरकार ने ग्राम प्रधानों को आवंटित और 25 दिसंबर तक निकाली धनराशि से कराए गए सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन कराने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश में इस बार पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे। अब प्रदेश में 58 हजार गांवों में प्रधान के पद खाली हैं। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिलों पर मतपत्र भेजे जाने लगे हैं। इस बार ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में 2021 में जनवरी के अंतिम सप्ताह तक पंचायत चुनाव कराने की तैयारी है। सरकार पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। प्रदेश को चार हिस्सों में बांटकर चुनाव कराने की तैयारी है। इस बार क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। प्रदेश का पंचायती राज विभाग 28 जनवरी से पांच फरवरी के बीच चुनाव के संबंध में संभावित कार्यक्रम देने पर विचार कर रहा है। इसके बाद आयोग अपने हिसाब से पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करेगा। राज्य सरकार की मंशा 31 मार्च तक चुनाव कराते हुए पंचायतों का गठन कराने की है, जिससे अप्रैल में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं पर किसी तरह का कोई असर न पड़े। प्रदेश में शनिवार से ग्राम पंचायत का काम एडिशनल डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर (एडीओ) को सौंपा गया है। अब यही अधिकारी ग्राम पंचायत के विकास के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही लोगों की समस्याओं का निवारण भी करेंगे।