लखनऊ:उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार बनाने की कवायद गति पकड़ रही है। प्रदेश में 31 मार्च तक ग्राम पंचायत के चुनाव कराने की तैयारी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के 31 मार्च तक पंचायत चुनाव कराने के निर्देश के बाद से पंचायती राज विभाग बेहद सक्रिय हो गया है।
प्रदेश में सभी ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। 26 दिसंबर से सभी ग्राम पंचायत भंग हो जाएंगी। इसके बाद से नई ग्राम पंचायत के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। गांवों में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम तेजी से चल रहा है जबकि निर्वाचन आयोग को भी ग्राम पंचायतों के भंग होने की तिथि की जानकारी भी दे दी गई है। 25 दिसबंर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म होते ही नए कामों की शुरुआत पर रोक लग जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से शासनादेश जारी होगा। प्रदेश के अधिकतर जिलों में 25 दिसंबर 2015 को ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाई गई थी। पांच वर्ष पूरे होने के बाद 25 दिसंबर 2020 को कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों विभागीय समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में पंचायती राज विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को 31 मार्च 2021 तक पंचायतों के चुनाव कराने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार 31 मार्च तक पंचायत चुनाव करा लेने की तैयारी में जुटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों अधिकारियों के साथ बैठक में पंचायतों के चुनाव कराने को लेकर निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पंचायती राज विभाग में हलचल तेज हो गई है।
पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण, चार जिलों में पंचायतों के पूर्ण परिसीमन और 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की कार्यवाही चल रही है। इसके बाद त्रिस्तरीय पंचायतों का वार्ड निर्धारण और वार्डों का आरक्षण किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इसकी अधिसूचना के बाद ही ग्राम पंचायतों में नियमानुसार कार्यवाहक नियुक्त किए जाएंगे। प्रदेश के चार जिलों गोण्डा, मुरादाबाद, सम्भल और गौतमबुद्धनगर में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों के परिसीमन का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है।