ग्रामीणों पर चीता! का हमला, जंगली सूअर को बनाया निवाला

FARRUKHABAD NEWS POLICE जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(राजेपुर प्रतिनिधि) बीते तकरीबन एक सप्ताह से कटरी क्षेत्र में चीता दहशत का पर्याय बनता जा रहा है| जिससे वन विभाग के सिर का दर्द भी लगातार बढ़ रहा है| इसके बाद भी अभी तक चीता पकड़ से दूर है| आदमखोर होते जा रहे चीता नें एक ग्रामीण पर हमला बोल दिया जिससे वह बाल-बाल बच गया| वही उसने एक जंगली सूअर को अपना निवाला बना लिया| उसका शव मिलने से विभाग अब नई जुगत लगा रहा है|
दरअसल उदयपुर की कटरी में बीते लगभग एक सप्ताह से वन विभाग अपना पिंजड़ा लगाकर तेंदुए को पकड़ने की नाकाम कोशिश कर रहा है| लेंकिन ग्रामीण के हमले के बाद उसके चीता होनें की सम्भावना वन विभाग को लग रही है| सोमवार को जिला वन अधिकारी पीके उपाध्याय के साथ वन क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह, थानाध्यक्ष देवेन्द्र गंगवार और दारोगा लालाराम आदि पंहुचे| उन्हें पता चला की ग्रामीण कौशल सिंह पुत्र गौतम सिंह  निवासी उदयपुर पर तेंदुए ने हमला किया| जब उससे जानकारी की गयी तो ग्रामीण नें बताया कि उसकी गर्दन पर बड़े-बड़े बाल थे| पीछे पतला था| जबड़ा बहुत बड़ा था| ग्रामीण नें जो शारीरिक बनावट बतायी वह तो शेर होनें की तरफ इशारा करती है| लेकिन इसकी पुष्टि नही है| वन विभाग अब तेंदुआ, चीता या शेर को लेकर मंथन में लगा रहा| इन तीनों में से कौन सा जानवर है यह भी अभी कोई ठीक से दावा नही कर पा रहा है| फिलहाल तो वन विभाग नें उसे चीता मान लिया है|  वन विभाग नें ड्रोन कैमरे के चलाया तो उन्हें एक खेत में जंगली सूअर का शव पड़ा मिला| जिसमे उसकी गर्दन पर नुकीले दांतों के निशान के साथ ही आधा शरीर गायब था| उसे दोबारा उसी जगह पर रखकर जाल लगाया है|
कानपुर प्राणिउद्यान से आ रहे एक्सपर्ट
चिड़ियाघर के वरिष्ठ वन्य जीव चिकित्सक डॉ. आरके सिंह को बुलाया गया है| जो देर शाम तक जनपद में दाखिल होंगे| इसके बाद वह मौके पर जाकर स्थिति को जाकर देखेंगे| यदि जरूरत पड़ी तो दुधवा नेशनल पार्क लखमीपुर खीरी से भी मदद ली जा सकती है|
क्या कहते है जिम्मेदार
जिला वन अधिकारी पीके उपाध्यय नें जेएनआई को बताया कि तेंदुए की जगह चीता होनें की सम्भावना जादा बढ़ गयी है| उसके पंजे के निशान विशेषज्ञों के पास जाँच के लिए भेजे गयें है| उन्होंने बताया कि पकड़ने के प्रयास जारी हैं| कानपुर से वरिष्ठ पशु चिकित्सक को बुलाया गया है| वह मौके का दौरा करेंगे| इसके साथ ही उन्होंने कहा की इस आपरेशन में बहुत धैर्य की जरूरत है| दो दिन से लेकर दो महीने का भी समय लग सकता है|