फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) 21 दिसंबर से आगामी 10 दिनों के लिए फाइलेरिया निरोधी विशेष अभियान चलाया जायेगा| जिसके चलते जनपद स्तरीय अधिकारियों को जूम एप के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया|
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० वंदना सिंह ने बताया कि जनपद में फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के उद्देश्य से स्वास्थ विभाग द्वारा 21 दिसंबर से दस दिनों तक फाइलेरिया निरोधी विशेष अभियान चलाया जायेगा, इस दौरान घर-घर जाकर फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा और दवा खिलाई जाएगी | |
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और संचारी रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉ० राजीव शाक्य ने बताया फाइलेरिया रोग में अक्सर हाथ या पैर बहुत ही ज़्यादा सूजन हो जाती है। इसलिए इस रोग को हाथी पांव भी कहते हैं। उन्होंने बताया कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से बीमार व्यक्तियों को दवा सेवन नहीं कराया जाएगा । जिन व्यक्तियों के अंदर माइक्रो फायलेरिया के कीटाणु रहते है, उन्हें दवा सेवन करने पर कुछ प्रभाव जैसे- जी मचलाना, उल्टी आना, हल्का बुखार आना, चक्कर आना आदि हो सकता है। इससे घबराना नहीं चाहिए |
प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी हिलाल अहमद ने बताया कि यह कार्यक्रम 21 दिसंबर से दस दिनों तक पूरे जिले में एक साथ चलाया जायेगा। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एमपीडब्ल्यू, एएनएम, आशा एवं स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं के माध्यम से दवा खिलाने का कार्य घर-घर जाकर किया जायेगा । इसके पश्चात् भी जो व्यक्ति दवा सेवन से वंचित रह जायेंगे, वह अपने पास के उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वा. केन्द्र, सामु. स्वा. केन्द्र और जिला अस्पताल, मलेरिया कार्यालय से दवा प्राप्त कर सेवन कर सकते हैं। उन्होंने कहा जनपद में इस समय लगभग 822 लोग फायलेरिया से ग्रसित हैं जिनका स्वास्थ्य विभाग में इलाज चल रहा है |
कैसे होता है फाइलेरिया
फाइलेरिया की बीमारी क्यूलैक्स मच्छर के काटने से फैलती है, इस मच्छर के पनपने में मल, नालियों और गड्ढों का गंदा पानी मददगार होता है , इस मच्छर के लार्वा पानी में टेढ़े होकर तैरते रहते हैं। क्यूलैक्स मच्छर जब किसी व्यक्ति को काटता है तो वह फाइलेरिया के छोटे कृमि का लार्वा उसके अंदर पहुँचा देता है। संक्रमण पैदा करने वाले लार्वा के रुप में इनका विकास 10 से 15 दिनों के अंदर होता है। इस अवस्था में मच्छर बीमारी पैदा करने वाला होता है। इस तरह यह चक्र चलता रहता है।
फाइलेरिया के लक्षण
1. एक या दोनों हाथ व पैरों में (ज़्यादातर पैरों में) सूजन
2. कॅपकॅपी के साथ बुखार आना
3. गले में सूजन आना
4. गुप्तांग एवं जॉघो के बीच गिल्टी होना तथा दर्द रहना
5. पुरूषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसिल) होना
6. पैरों व हाथों की लसिका वाहिकाएं लाल हो जाती हैं