फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीती रविवार की शाम से शुरू हुई बूंदाबांदी (सर्दी की पहली बरसात) लोगों के चेहरे पर खुशी व राहगीरों के लिए मुसीबत बनकर बरसी। दिन भर चली हल्की बारिश व चल रही तेज हवाओं ने लोगों को कांपने पर मजबूर कर दिया। सर्दी की पहली बारिश ने ठिठुरन का अहसास कराया। तेज हवाओं के झोंकों से ठंड का प्रकोप बढ़ गया। मौसम ने यू टर्न लेना शुरू कर दिया है। हवाएं ठंड का अहसास करा रहीं हैं|
शाम से बादलों ने थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ना शुरू किया जो देर रात तक जारी था। इस दौरान एक पल के लिए भी बूंदाबांदी बंद नहीं हुई। हल्की बूंदाबांदी के बीच भी लोग देर शाम तक डोसा, बर्गर, न्यूडल्स, चाट पकौड़ी व पकौड़े आदि का मजा लेते दिख रहे थे। जो लोग घर पहुंचकर बाहर निकले थे, उनके लिए तो मौसम मजेदार था लेकिन जो लोग रोजमर्रा के कामकाज पर निकले थे, उनके लिए यह मौसम मुसीबत से कम नहीं था। बारिश में भीगते हुए अपने-अपने कामकाज पर जाना किसी बड़ी परेशानी से कम नहीं था।
बारिश से आलू में झुलसा रोग का खतरा
बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है। खेतों में पानी भरने से आलू में अगैती फसल पर झुलसा रोग का खतरा मंडराने लगा है। जिससे अगैती आलू की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं| फतेहगढ़ के ग्राम विजाधरपुर निवासी कृषक आनन्द प्रकाश दुबे नें बताया कि सर्दी के मौसम में बरसात होनें से आलू की फसल में झुलसा रोग का खतरा बढ़ गया है| जिससे किसान चिंता को बढ़ा दिया है| इसके साथ ही सरसों की फसल को भी नुकसान हो सकता है|