फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कन्याओं का पूजन का भोज कराने से दुखों व शत्रुओं का क्षय होता है तथा सुख-समृद्धि, यश और वैभव की प्राप्ति होती है। रामनवमी के दिन लोगों ने कन्याओं को भोजन कराकर उनके पैरों को छूकर आर्शीवाद लिया है। कन्याभोज के लिये कन्याओं का टोटा दिखाई दिया। नवरात्र की महाष्टमी व नवमी शनिवार को एक साथ मनाई गई। देवी मंदिरों में हवन के साथ नौ कन्याओं का भोज कराया गया। ज्योति कलश का विसर्जन हुआ।
घरों में सुबह से ही कन्या भोज के साथ हवन-पूजन व महाआरती की गई। श्रद्धालुओं ने नौ कन्याओं को चुनरी पहनाकर आशीर्वाद लिया। रविवार को रामनवमी पर छोटी-छोटी कन्याओं को भोजन कराकर महिलाओं ने अपने उपवास को तोड़ा है। सुबह से ही कन्याओं को भोजन कराने के लिये लोग गलियों में खड़े होकर राह ताक रहे थे। जैसे ही कोई एक भी कन्या दिख जाती तो उनके पैरों को पकड़कर अपने घर में भोजन कराने के लिये ले जाते थे। तो वहीं पीछे से दूसरे लोग भी कन्याओं को अपने घर भोजन कराने के लिये लाइन में खड़े हो जाते थे। जगह-जगह पर भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने बढ़चढ़कर भागीदारी की|
कन्याओं को भोजन कराने के बाद लोगों ने अपनी समर्थ से दान-दक्षिणा देकर उनका आर्शीवाद लिया। रामनवमी के दिन कन्याओं को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य माना जाता है। जिससे लोगों के दुखों व विरोध का विनाश होता है तथा सुख-समृद्धि, धन, यश व वैभव की प्राप्ति होती है। दुर्गा मन्दिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी| महिला अधिक संख्या में माँ दर्शन करने मन्दिरों में पंहुची|