फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दलवीर सिंह ने कहा है कि कोरोना को मात देकर समाज की मुख्यधारा में लौटने वाले किसी भी चैंपियन के साथ इस डर से भेदभाव करना कि उससे कोरोना फैल सकता है, लड़ाई को कमजोर बनाएगा। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस यानि कोविड-19 को मात देने वालों के साथ सामाजिक भेदभाव करना वैज्ञानिक और मानवीय दोनों दृष्टिकोण से उचित नहीं है । चैंपियंस ने ऐसे वायरस को हराया है जो कि किसी को भी और कभी भी हो सकता है, इसमें उनका कोई ऐसा दोष नहीं है जिसके लिए उनके साथ सामाजिक भेदभाव किया जाए। वह भी हमारे समाज और परिवार के अभिन्न अंग हैं और इन विषम परिस्थितियों में जब वह कोरोना के कारण तनाव और चिंता में हैं तो उनको मानसिक संबल प्रदान करना सभी का नैतिक दायित्व बनता है ।
डॉ. सिंह ने बताया कि कोरोना उपचाराधीन के बारे में यह देखने को मिल रहा है कि उनको बीमारी से ज्यादा यह चिंता सताती रहती है कि लोग क्या कहेंगे और उनके साथ कैसा व्यवहार करेंगे । उनकी इस चिंता और तनाव को तभी दूर किया जा सकता है जब उनके साथ पहले जैसा सामान्य व्यवहार करें । इसके साथ ही कोरोना से स्वस्थ हुए व्यक्ति को अलग-थलग करना अवैज्ञानिक और अमानवीय भी है । इसीलिए समुदाय को बराबर जागरूक भी किया जा रहा है कि कोविड-19 को मात देने वाले व्यक्ति के साथ बातचीत करना पूरी तरह से सुरक्षित है । इसके अलावा यह भी जानना जरूरी है कि कोरोना से जंग जीतने वाले व्यक्ति से वायरस नहीं फैलता है, अलबत्ता नियमित दिनचर्या शुरू करने के साथ कोरोना चैंपियन को भी कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना अनिवार्य है।
सेवा में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों का करें सम्मान
डॉ० सिंह ने यह भी कहा है अपना घर-परिवार छोड़कर कोरोना से हर किसी को सुरक्षित करने में दिन-रात जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति भी लोगों को दिल से शुक्रिया अदा करना चाहिए । लोगों को इस पर विचार करना चाहिए कि जब चिकित्सक, स्टॉफ नर्स, पैरामेडिकल, एएनएम और आशा कार्यकर्ता लोगों की जिन्दगी को बचाने के कर्तव्य को निभाने में जुटे हैं तो ऐसे में लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
दिल से करें स्वागत
डॉ० सिंह का कहना है कि कोरोना को हराने के बाद स्वस्थ होकर अस्पताल से घर आने चैंपियंस का अगर करीबी दिल से स्वागत करें और उनका हालचाल जानें तो वह बहुत जल्दी ही चिंता और तनाव से उबर सकते हैं । इस दौरान ऐसे कई उदाहरण देखने को भी मिल रहे हैं जहाँ पर चैंपियंस के अस्पताल से लौटने पर सोसायटी या आस-पड़ोस के लोगों ने फूल बरसाकर उनका एक योद्धा के रूप में स्वागत भी किया है । इसी भावना को जिन्दा रखकर ही उनको मानसिक संबल प्रदान करने के साथ ही उनके कष्ट को दूर कर सकते हैं ।
जागरूक बनें, कोरोना को हराएं
• घर से बाहर निकलें तो मास्क/गमछा/रुमाल/स्कार्फ से मुंह-नाक ढककर रखें ।
• एक दूसरे से दो गज दूर से ही मिलें।
• मुंह, नाक व आँख को छूने से बचें।
• साबुन-पानी से हाथ 60 सैकेंड तक अच्छी तरह से धुलें।
• साबुन-पानी न मिलने पर ही सेनेटाइजर से हाथ साफ़ करें।