लखनऊ: सामूहिक दुष्कर्म के साथ ही पॉक्सो एक्ट में निरुद्ध अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। गायत्री प्रसाद प्रजापति की इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से मेडिकल ग्राउंड पर अंतिरम बेल को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
प्रदेश की राजनीति में कभी अपना जलवा कायम करने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति सुप्रीम कोर्ट ने झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रजापति की अंतरिम जमानत पर रोक लगा दी है। जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति मिली अंतरिम जमानत पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रजापति के खिलाफ दर्ज पॉक्सो के मामले में नोटिस भी जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश मेडिकल ग्राउंड के आधार पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को मिली अंतरिम जमानत पर स्टे लगाया है। सामूहिक दुष्कर्म तथा पॉक्सो के मामले में जेल में बंद प्रजापति को दो महीने की अंतरिम बेल मिली थी। पूर्व खनन मंत्री सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में लखनऊ जेल में बंद थे। जस्टिस वेद प्रकाश वैश्य की कोर्ट ने उन्हेंं पांच लाख रुपए के पर्सनल बॉन्ड और दो जमानतदारों की शर्त के साथ बेल दी थी। इसके साथ ही शर्त रखा था कि गायत्री प्रजापति देश से बाहर नहीं जाएंगे।
हाई कोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को सामूहिक दुष्कर्म मामले में बीती चार को मेडिकल ग्राउंड पर दो महीने की अंतरिम जमानत दी थी। गायत्री ने हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में हार्ट तथा यूरीन इंफेक्शन इत्यादि की दिक्कतें बताई थीं। इसके साथ ही लखनऊ मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोविड-19 के संक्रमण का भी खतरा बताया था।