जिले में 2.39 लाख बच्चों को दी जाएगी विटामिन ए की खुराक

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)  राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सिविल अस्पताल लिंजीगंज में शुक्रवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० वंदना सिंह ने डेढ़ वर्ष की अनिका को विटामिन ए की खुराक पिलाकर बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ किया।
सीएमओ नें बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ करने के बाद कहा कि विटामिन ए संपूर्ण टीकाकरण का एक अभिन्न अंग है, जिसका मुख्य उद्देश्य नौ माह से पांच वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि, मृत्युदर में कमी लाना, रतौंधी एवं कुपोषण से बचाव, ड्रॉपआउट बच्चों का पूर्ण प्रतिरक्षीकरण एवं आयोडीन के प्रयोग से बच्चों की शारीरिक एवं विकृतियों में कमी करना है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने कहा कि शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए नियमित टीकाकरण सबसे जरूरी है। जनपद में लगभग 2.39 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जायेगी। विटामिन ए की कमी से बच्चों में रतौंधी, अंधापन, दस्त, निमोनिया होने का खतरा रहता है। उक्त दवा के कारण बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास होता है।
यूनीसेफ के डीएमसी तारिक साहब ने बताया कि विटामिन ए आंखों के लिए लाभदायक होता है।इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तथा यह आंखों की रोशनी को तेज कर उसकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 9 से 12 माह के 13,951,  1 से 2 वर्ष 59,988 और 2 से 5 साल के 1,64,911 बच्चे हैं। बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित किया जायेगा |
इस मौके पर एसीएमओ डॉ० दलवीर सिंह , सिविल अस्पताल लिंजीगंज के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मो. आरिफ़, डीसीपीएम रणविजय, यूएनडीपी संस्था के कोल्ड चैन प्रबंधक मानव शर्मा, आईओ साधना त्रिवेदी, एएनएम रमा, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहीं।
11 बीमारियों से बचाएगा नियमित टीकाकरण
सीएमओ ने कहा नियमित टीकाकरण में टीबी, गला घोंटू, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, खसरा, रुबेला, हेपेटाइटिस बी, डायरिया, निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाया जा सकता है। नियमित टीकाकरण में बच्चों को बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, पोलियो, पेंटावेलेंट, रोटावायरस, एफ आईपीवी, मीजल्स रुबेला, जेई, पीसीवी, डीपीटी और टीडी की खुराक दी जाती है। विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी।