कानपुर:(जेएनआई) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर संजीत अपहरण-हत्याकांड में फिरौती को लेकर जांच करने आए एडीजी बीपी जोगदंड को शनिवार को स्वजनों के गुस्से का सामना करना पड़ा। संजीत के पिता चरन सिंह से पूछताछ के बाद बाहर निकले एडीजी को मां और बहन ने घेर लिया। पुलिस ने जल्द शव ढूंढ निकालने का आश्वासन देकर दोनों को शांत कराया। वहीं बहन रुचि ने पुलिस पर फर्जी पर्दाफाश करने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग उठाई।
शनिवार सुबह फिर जांच के लिए आए एडीजी बीपी जोगदंड ने संजीत के पिता चमन सिंह से पूछताछ की। 10 मिनट तक पूछताछ करने के बाद एडीजी जाने लगे तो संजीत की मां कुसुम उनकी गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गईं। बेटी रुचि के साथ कुसुम ने एडीजी का घेराव करते हुए शव जल्द ढूंढने की मांग की। पुलिस ने जल्द ही शव की बरामदगी का आश्वासन दिया और रिश्तेदारों की मदद से कुसुम को गाड़ी के सामने से हटवाया। इसके बाद एडीजी रवाना हो सके।
वहीं, भाई के अपहरण और हत्याकांड को लेकर बहन रुचि ने पुलिस के खुलासे पर ही सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। रुचि ने कहा कि पुलिस तीन आरोपितों से मिलवाया है, जो अलग-अलग बातें बता रहे हैं। कोई भी संतोषजनक जानकारी नहीं दी जा रही है। इससे लगता है कि पुलिस ने फर्जी खुलासा किया है और संजीत का शव नदी में फेंका ही नहीं गया है। पुलिस ने 24 घंटे में शव बरामद करने का दावा किया था लेकिन अभी तक मिला नहीं। रुचि ने कहा कि भाई के पास दो बैग, एक मोबाइल और एटीएम कार्ड था, जिसमें कुछ भी अभीतक नहीं बरामद हुआ है। जिस जगह संजीत को मारने की बात कही जा रही है, उस मकान को खोलकर नहीं दिखाया गया है।