नई दिल्ली: दिल्ली में फैक्ट्रियां खोलने को लेकर संशय खत्म हो गया है। राज्य के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने उद्यमियों को आश्वस्त किया है कि गृह मंत्रालय के जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फैक्टियां खुल सकेंगी। हालांकि, दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा निगम लिमिटेड (डीएसआइआइडीसी) के साथ ही फैक्ट्री संचालकों को भी औद्योगिक क्षेत्र व औद्योगिक परिसर में कोरोना से बचाव के मुकम्मल इंतजाम करने जरूरी होंगे।
80 औद्योगिक प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि गृह मंत्रलय (एमएचए) की गाइडलाइन के अनुसार सभी तरह की जरूरी और गैर जरूरी सामानों की फैक्ट्रियां चलाई जा सकती हैं। कान्फ्रेंसिंग में मौजूद रहे आम आदमी पार्टी (आप) ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल ने बताया कि एमएचए और दिल्ली सरकार की गाइडलाइन में स्पष्ट है कि रेड जोन में भी इंडस्टियल एस्टेट्स और इंडस्टियल टाउनशिप में फैक्ट्रियां चल सकती हैं।
अव्यावहारिक नियम हटाने का दिया भरोसा
सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस संबंध में संबंधित प्रशासन को बता दिया गया है। कुछ फैक्ट्री मालिकों ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के संबंधित अधिकारियों ने जो नए दिशा- निर्देश जारी किए हैं, उसमें कई बिंदु ऐसे हैं जो एमएचए की गाइडलाइन के अलावा हैं। इस पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि वे नियम अगर अव्यावहारिक है तो उन बिंदुओं को हटा दिया जाएगा। दिल्ली में डीएसआइआइडीसी द्वारा रजिस्टर्ड 28 औद्योगिक क्षेत्र हैं। बता दें कि एमएचए ने लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ अनिवार्य इंतजामों के साथ रेड जोन में भी फैक्टियों के संचालन की मंजूरी दी है। पर दिल्ली में जरूरी सामान की चीजों को छोड़कर ज्यादातर फैक्टियां बंद हैं, क्योंकि, संबंधित क्षेत्र के जिलाधिकारियों ने फैक्ट्री मालिकों को अनुमति देने से मना कर दिया था।
पूर्वी दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों में शुरू नहीं हुआ उत्पादन
देश में लॉकडाउन 3.0 शुरू हो चुका है। लेकिन इसके साथ ही कंटेनमेंट जोन के अलावा अधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों में सशर्त फैक्टियां चलाने की अनुमति दी गई है। पटपड़गंज औद्योगिक संगठन के मुख्य संरक्षक संजय गौड़ कहते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जो शर्तें दी गई हैं उसके अनुसार सरकार का हस्तक्षेप बहुत ज्यादा रहेगा और अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकल गया तो सभी क्वारंटाइन हो जाएंगे और फैक्ट्री सील हो जाएगी।स्थितियां ऐसी हैं कि छोटे उद्यमी भयभीत हैं। उन्होंने बताया कि सर्जिकल व जरूरी सामान बनाने की करीब 40 इकाइयां पहले से ही चल रही हैं। वहीं, फ्रेंड्स कॉलोनी व ङिालमिल इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. अनिल गुप्ता कहते हैं कि बहुत कम लोग ऐसे हैं केंद्र की शर्तों के साथ अपनी फैक्ट्री शुरू करना चाहते हैं। इसके अलावा अगर फैक्ट्री शुरू होती है तो कच्चे माल व फिर उसकी बिक्री के लिए चेन बनी हुई है। बिना चेन चालू किए इसका कोई फायदा नहीं है।