नई दिल्ली: कोरोना वायरस से मुकाबले में जुटे वैज्ञानिक अपने प्रयासों से प्रतिदिन देश को कुछ नया देने की कोशिश कर रहे हैं। केरल के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट ने ऐसी टेस्ट किट तैयार की है जो महज दो घंटे में बता देगी कि मरीज को कोविड-19 है या नहीं। यह टेस्ट बहुत सस्ता भी होगा। यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीक मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दी है। उन्होंने ट्वीट किया है- तिरुअनंतपुरम की इस संस्था के किट से महज दस मिनट में संकेत मिल जाएगा कि व्यक्ति को कोविड-19 है या नहीं, दो घंटे में महामारी के परिणाम की पुष्ट जानकारी मिल जाएगी। एक मशीन से 30 नमूनों की जांच संभव होगी। यह बहुत महत्वपूर्ण होगा।
वायरस निष्प्रभावी करने के दो खास उपकरण
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार को दो नए उपकरण विकसित करने की घोषणा की। इनमें से एक ऑटोमैटिक मिस्ट आधारित सेनिटाइजर डिस्पेंसिंग इकाई है जबकि दूसरा- अल्ट्रा वॉयलेट सेनिटेशन बॉक्स है। संस्थान ने यह जानकारी जारी बयान में दी है। इससे वायरस को कुछ क्षणों में निष्प्रभावी करने में मदद मिलेगी। मिस्ट आधारित सेनिटाइजर यूनिट तैयार करने में दिल्ली की सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवॉयरमेंट सेफ्टी की मदद ली गई है।
सीएसआइआर ने पीपीएस बनाया
सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था सीएसआइआर के अंतर्गत कार्य करने वाली नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेट्रीज (एनएएल) ने एमएएफ क्लॉथिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव सूट तैयार किया है। इसमें इस्तेमाल कपड़ा और अन्य सामग्री पूरे 24 घंटे तक डॉक्टरों, नर्सो और सहयोगी स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस से पूरी तरह से बचाए रखने में सक्षम हैं। सीएसआइआर और एनएएल बयान जारी कर कहा है कि सरकार की अनुमति मिलने पर वह चार हफ्ते में 30 हजार सूट प्रतिदिन बनाने की क्षमता प्राप्त कर लेंगे। यह सूट इसी क्षमता के आयातित सूट की तुलना में बहुत सस्ता होगा।