फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में हर कोई लोगों की किसी न किसी तरह से सहायता कर रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाना जरूरी है, लेकिन बहुत से लोगों के लिए इन्हें खरीद पाना मुश्किल है। उन जरूरत मंद लोगों के लिए इंसानियत क्या होती है, पूर्व विधायिका और उनकी बहू से सीखिए। कोरोना वायरस के कहर से जूझते लोगों की जिंदगी की हिफाजत के लिए मास्क बनाने और नि:शुल्क बांटने की पहल इन्होंने अपने स्तर पर की है। मास्क तैयार कर फिर सैनिटाइज करने के बाद जरूरतमंदों को देती हैं। इसके जरिए वह मास्क की किल्लत से जूझ रहे लोगों की मदद में जुटी हैं। अब तक वह सैकड़ों मास्क लोगों को मुहैया करा चुकी हैं|
पूर्व विधायिका उर्मिला राजपूत का कहना है कि इसके जरिए वह सिर्फ आमजन की मदद ही नहीं कर रहीं बल्कि अपनी भी हिफाजत कर रही हैं। मास्क बनाने का पूरा खर्च वही उठा रहीं है| पूर्व विधायिका ने बताया कि लोग परेशान थे तो हमने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाए। क्योंकि हम मास्क तैयार कर सकते थे सो करने लग गए। काम करने से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करते हैं। इसके बाद मास्क तैयार करने के बाद उन्हें भी सैनिटाइज करते हैं। उन्होंने बताया कि घर का कामकाज निपटाने के बाद जो समय बचता है तो मास्क बनाने में जुट जाते हैं। लोगों को दूर-दूर ही रखते हैं ताकि कोई भी संक्रमण की चपेट में न आए।
इस काम में उनका सहयोग पुत्र बधू पूर्व ब्लाक प्रमुख अलका राजपूत पूरी मदद कर रहीं है|