लखनऊ: कोराना वायरस के संक्रमण के बीच भी लोगों को सुरक्षा के साथ चिकित्सीय सहायता देने वाले कोरोना वॉरियर्स पर हमले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी सख्त हैं। रामपुर, मेरठ, मुजफ्फनगर तथा अलीगढ़ में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लिस तथा मेडिकल टीम पर हमले की जानकरी मिलने के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि पुलिस तथा मेडिकल टीम पर हमला करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(एनएसए) के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि इंदौर तथा कर्नाटक जैसी घटना यूपी में किसी कीमत पर नहीं होनी चाहिए। प्रदेश में गाजियाबाद के साथ अन्य मामले में जो दोषी हैं, उन्हें कानून का पालन करना सिखाओ। प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है कि जहां भी अभी तक ऐसे मामले सामने आए हैं, वहां पर तत्काल कार्रवाई हो। इसके साथ ही अब जहां कहीं भी ऐसा मामला होता है तो दोषी को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। इसमें अब कोई भी विलम्ब बर्दाश्त नहीं होगा। पुलिस पर हमला करने वालों के साथ ही लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की इस आपदा की स्थिति से बाहर निकलने के लिए लॉकडाउन को शत-प्रतिशत सफल बनाना होगा। आवश्यक है कि प्रत्येक नागरिक संयम और संकल्प बनाए रखे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लॉकडाउन के दौरान अन्तरजनपदीय, अन्तरराज्यीय तथा अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं को पूर्णत: सील किया गया है। इन सीमाओं का उल्लंघन न होने पाए। इसके लिए प्रभावी गश्ती सुनिश्चित की जाए।
लॉकडाउन तोडऩे वाले वाहनों से 3.67 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। प्रदेश में 5263 बैरियर लगाकर 8.81 लाख वाहनों की चेकिंग कर 1.81 लाख वाहनों का चालान किया गया और 13927 वाहन सीज किए गए। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ गुरुवार को 177 एफआईआर दर्ज की गईं। लॉकडाउन का फायदा उठाकर जमाखोरी और कालाबाजारी करने के मामलों में 72 एफआईआर भी दर्ज की गई हैं। इससे पहले भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को प्रदेश में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए थे।