लखनऊ: तेजी से पांव पसार रहे कोरोना वायरस पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में लाॅकडाउन करने की घोषणा कर दी है। सीएम योगी ने लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर लखनऊ समेत अलीगढ़, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा), कानपुर, वाराणसी, मेरठ, आजमगढ़, गाजियाबाद, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, आगरा, प्रयागराज, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद और पीलीभीत जिले 25 मार्च, 2020 तक के लिए लाॅकडाउन कर दिया है। इन जिलों में सोमवार सुबह छह बजे से लाॅकडाउन की घोषणा की गई है।
जनता कर्फ्यू के बेहद सफल प्रयोग के बाद केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के छह सहित देश के 75 जिलों में लॉकडाउन की घोषणा की लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एहतियातन बड़ा कदम उठाते हुए यूपी के 16 जिलों में 25 मार्च तक लॉकडाउन घोषित कर दिया है। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, अर्द्ध सरकारी उपक्रम, स्वायत्तशासी संस्थाएं, राजकीय निगम, व्यापारिक प्रतिष्ठान, निजी कार्यालय, मॉल्स, दुकानें, रेस्टोरेंट, फैक्ट्रियां, गोदाम, वर्कशॉप, सभी बसें, प्रइवेट टैक्सी और आटो रिक्शा पूरी तरह से बंद रहेंगे।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर जनता कर्फ्यू का अभूतपूर्व असर पूरे उत्तर प्रदेश में नजर आया। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोपहर में निर्देश जारी किए कि जनता कर्फ्यू का समय रविवार रात नौ बजे से बढ़ाकर सोमवार सुबह छह बजे तक कर दिया गया है। वहीं, लंबी दूरी की सभी ट्रेन, बस और मेट्रो सेवा पर 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी गई। वहीं, केंद्र सरकार ने देश के 75 जिलों में लॉकडाउन की घोषणा की। इसमें उत्तर प्रदेश के आगरा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, वाराणसी, लखीमपुर खीरी और लखनऊ को शामिल किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना वायरस से पीड़ित लोग मिले हैं वहां विशेष निगरानी के निर्देश दिये गए हैं। कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिये आवश्यक है। लाॅकडाउन जिलों में किसी प्रकार की गतिविधियां नहीं होंगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में सभी औद्योगिक इकाइयां 25 मार्च तक बंद रहेंगी। सभी मार्केट, मॉल और दुकानें बंद रहेंगी। जिन जिलों में लाॅकडाउन किया जा रहा है, वहां पर पेट्रोलिंग होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए पूरी तरह एहतियात बरतने की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ा नुकसान कर सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार हर स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बीमारी में उपचार से महत्वपूर्ण बचाव है। इसलिए हमको पूरी सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस प्रकार से लोगों ने रविवार को जनता कर्फ्यू को सफल बनाया है, उसी प्रकार से यह कार्यक्रम सोमवार से लगातार चलेगा। इसके पहले चरण में 16 जिले, जहां पर कोरोना वायरस से पीड़ित या प्रभावित है उन्हें शामिल किया गया है। मेरी इन जिलों के नागरिकों से अपील है कि वे कहीं बाहर न निकलें। अनावश्य भीड़ न लगाएं। क्योंकि जरा सी लापरवाही घातक सिद्ध हो सकती है। आपातकाल में यदि किसी परिवार को आवश्यकता है तो वह 112 से तत्काल मदद ले सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 23 से 25 मार्च तक उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस सेवाएं भी पूरी तरह से बंद रहेंगी। इस दौरान यूपी से बसें नेपाल या फिर किसी अन्य राज्यों के लिए जाएंगी। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी धर्म के लोग पूजा अर्चना का कार्य घर पर ही करें। सामूहिक रूप से किसी भी धार्मिक कार्यों को ना करे। मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारा जाने से बचें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हम सभी 15 जिलों को क्लीनिंग के साथ सैनिटाइजेशन के साथ जोड़ने में हम सफलता प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता की सहायता के लिए पूरे प्रदेश के अंदर उप्र पुलिस की पीआरवी 112 के हमारे लगभग 3000 फोर-व्हीलर, 1500 टू-व्हीलर सुरक्षा के साथ-साथ आवश्यक सामग्री पहुंचाने में भी मदद करेंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हमारी 108 की 2200 एम्ब्यूलेंसे हैं, 102 की 2270 एम्ब्यूलेंसे हैं। एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्ब्यूलेंसे 250 हैं। ये भी पूरे प्रदेश में जनता को इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैनात रहेंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन जिलों में मुंबई और सूरत आदि शहरों से बड़ी संख्या में नागरिक आए हैं, उनमें जौनपुर, मीरजापुर, मऊ, कुशीनगर, झांसी, गाजीपुर, अयोध्या, बस्ती, बाराबंकी, देवरिया, बलिया और भदोही हैं, इन सभी नागरिकों से अपील है कि वे लोगों से न मिलें। साथ ही जिला प्रशासन भी सूची रखकर इन सभी को क्वारंटाइन करने का प्रयास करे और थोड़ा भी संदेह होने पर आइसोलेशन वाॅर्ड तक पहुंचाने की व्यवस्था करे।
आवश्यक सेवाएं जो लॉकडाउन से बाहर रहेंगी
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
चिकित्सा शिक्षा
गृह एवं गोपन, कारागार प्रशासन, पुलिस, सशस्त्र बल एवं अद्धसैनिक
कार्मिक विभाग एवं जिला प्रशासन
ऊर्जा (सभी बिजली विभाग के कार्यालय एवं बिलिंग सेंटर)
नगर विकास
खाद्य एवं रसद (फल, सब्जी, दूध, डेरी, किराना, पेयजल)
आपदा एवं राहत, राज्य संपत्ति विभाग
सूचना, जन सम्पर्क एवं सूचना प्रौद्योगिकी
अग्निशमन, सिविल डिफेंस
आपातकालीन सेवाएं
टेलीफोन इंटरनेट, डेटा सेंटर, नेटवर्क सर्विसेज
डाक सेवाएं
बैंक, एटीएम एवं बीमा कंपनियां।
ई-कॉमर्स (खाद्य वस्तु, होम डिलिवरी, ग्रॉसरी)
प्रिंट, इलेक्टॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया
पेट्रोल/डीजल/सीएनजी पंप और इनसे संबंधित गोदाम
दवा और अन्य फार्मास्यूटिकल्स की दुकानें, चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों का निर्माण करने वाली इकाइयां।
आवश्यक वस्तुओं/सेवाओं व खाद्य पदार्थों की आपूर्ति के लिए परिवहन सेवाएं, कृषि उत्पादन एवं उससे संबंधित निर्माण इकाइयां एवं इनसे संबंधित थोक व फुटकर दुकानें।
पशु चिकित्सा एवं पशु आहार से संबंधित इकाइयां एव विक्रेता।
क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन एक तरह की आपातकालीन व्यवस्था होती है। यदि किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। यदि किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सकती है।
क्यों करते हैं लॉकडाउन
किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। जैसे कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर कई देशों में किया गया है। कोरोना वायरस का संक्रमण एक-दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए कुछ देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है।