फर्रुखाबाद: आजादी से जिंदगी क्या होती है यह कोई आजीवन कारावास की सजा काटकर निकले बंदी श्रवण से पूंछे| जीवन का एक लम्बा हिस्सा जेल की चारदीवारी के पीछे काटने वाले बंदी नें रिहाई की आस में एक-एक दिन निकाल कर 16 साल का समय निकाल दिया|
जनपद कानपुर नगर के महाराजपुर तिलसहरी बुजुर्ग निवासी 60 वर्षीय श्रवण कुमार को बीते 12 मार्च 1980 को आजीवन कारावास कानपुर कोर्ट ने दिया| जिसे हाईकोर्ट ने 8 नबम्वर 2006 द्वारा भी यथावत जारी रखा गया| जिसके बाद श्रवण को सेन्ट्रल जेल भेजा गया| जेल से रिहा हुए श्रवण नें बताया कि उसने सेन्ट्रल जेल आने के बाद एक प्रण लिया कि जब उसकी रिहाई होगी तभी वह चित्रकूट में अपनी दाढ़ी कटवाएगा|
16 साल की सजा कटने के बाद जब श्रवण जब अपने अन्य साथियों के साथ बाहर आया तो उसने बताया कि वह अब दाढ़ी चित्रकूट में ही कटायेगा|