लखनऊ:विश्व हिंदू महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत बच्चन की हत्या के मामले में उनकी पहली पत्नी के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को लखनऊ में मॉर्निंग वॉक पर निकले रणजीत की हत्या कर दी गई थी।
लखनऊ पुलिस के साथ एसटीएफ ने इस मामले में काफी तत्परता दिखाई। इसके बाद पता चला कि रणजीत बच्चन की पहली पत्नी स्मृति ने अपने करीबी दीपेंद्र वर्मा से कराई उनकी हत्या कराई थी। इस हत्याकांड में दीपेंद्र के साथ उसका चचेरा भाई भी था। इनके साथ कार चालक तथा स्मृति को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने रणजीत की हत्या के मामले में बुधवार को मुम्बई से दीपेंद्र वर्मा को पकड़ा था। इसके बाद सारा मामला खुल गया। लखनऊ पुलिस के साथ इस मामले की जांच में लगी एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने मुम्बई से इस हत्याकांड के एक शूटर को हिरासत में लिया है। दो शूटरों ने हत्या को अंजाम दिया था। एक को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
रणजीत बच्चन की हत्या के बाद से पुलिस के साथ ही एसटीएफ ने सूबे की राजधानी लखनऊ के साथ ही गोरखपुर में उनके हर कनेक्शन को खंगाला। इसके साथ ही लखनऊ में उनके निवास ओसीआर कॉम्पलेक्स से घटनास्थल पर वीडियो फुटेज को परखा। इस दौरान एसटीएफ के साथ ही पुलिस को सूचना मिली कि शूटर मुम्बई में हैं। एसटीएफ की टीम ने इस सूचना के बाद मुम्बई का रुख किया और मुम्बई पुलिस की मदद से इस संदिग्ध शूटर को हिरासत में लिया है।
एसटीएफ की टीम गुरुवार देर शाम तक लखनऊ आ जाएगी। बताया जा रहा है कि शूटर मुम्बई में छुपा था। परिवार के लोगों के मोबाइल फोन और सीडीआर खंगालने के बाद रणजीत बच्चन की हत्या में मुम्बई कनेक्शन सामने आया है। रणजीत की हत्या की वारदात के बाद शूटर ट्रेन से मुम्बई भागा था। बुधवार रात को पुलिस और एसटीएफ की टीम ने मुम्बई के एक इलाके से शूटर को हिरासत में लिया। माना जा रहा था कि रणजीत बच्चन की हत्या की वारदात में कई लोग शामिल थे।
लखनऊ में रविवार सुबह ग्लोब पार्क, हजरतगंज के पास रणजीत बच्चन की हत्या हुई थी। रणजीत हत्याकांड की पहले दिन से ही पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय मॉनीटङ्क्षरग कर रहे हैं। डिफेंस एक्सपो में व्यस्त होने के बावजूद रोज देर रात तक सभी टीमों से प्रगति रिपोर्ट लेकर उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं।
हत्याकांड में पुलिस ने हत्यारों के साथ उनकी कार का नंबर भी ट्रेस कर लिया। हत्यारे काली फिल्म चढ़ी सफेद रंग की बलेनो कार से आए थे। रूट खंगालने पर पुलिस को सीसी कैमरों से हत्यारों की फुटेज भी मिल गई। चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से दो का हुलिया भी सीसी फुटेज से काफी मैच कर रहा था। माना जा रहा है कि वारदात को रेकी के बाद अंजाम दिया गया।
पुलिस का कहना है कि हत्या में करीबी के शामिल होने के भी पुख्ता सुबूत मिले हैं। उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिए गए हैं। सभी वैज्ञानिक साक्ष्य, हत्यारों की कैमरों से मिली फुटेज, गाड़ी का नंबर, लखनऊ में हत्यारों के प्रवेश और निकास के रूट समेत तमाम पहलुओं पर गहन छानबीन के बाद पुलिस हत्यारों के बेहद करीब है। इस तफ्तीश के दौरान पुलिस ने मोबाइल फोन टॉवर से घटनास्थल के आसपास सक्रिय फोन नंबरों की पड़ताल भी की, जिनमें से कुछ संदिग्ध नंबरों को सर्विलांस के माध्यम से ट्रेस किया और संदिग्धों को उठाकर पूछताछ शुरू की, जिससे काफी मदद मिली। घटना से पहले रणजीत आवास में पार्टी में शामिल कुछ संदिग्ध युवकों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ हुई। गोरखपुर, रायबरेली, लखनऊ समेत प्रदेश के बाहर भी गई पुलिस की टीमों ने आधा दर्जन लोगों को उठाया, सख्ती से पूछताछ के बाद उनसे कई अहम सुराग मिले।
पारिवारिक विवाद भी आया सामने
रणजीत बच्चन की हत्या लेन-देन और पारिवारिक विवाद में हुई थी। हत्याकांड में एक पत्नी की भूमिका पर भी संदेह है। बड़े पुलिस अधिकारी की देखरेख में उससे पूछताछ की जा रही है। गोरखपुर से मंगलवार रात हिरासत में लिए गए प्रापर्टी डीलर के भी साजिश में शामिल रहने की पुष्टि हो गई है। एसटीएफ ने गोरखपुर से जिस प्रापर्टी डीलर को उठाकर लखनऊ पुलिस को सौंपा है, उससे रणजीत बच्चन के पहले काफी करीबी संबंध थे।