कानपुर: दवा व्यापारी का अपहरण कर सनसनी फैलाने वाला फर्जी रॉ एजेंट सतेंद्र चौहान महिला दारोगा के साथ पुलिस लाइन भी गया था। वहां एक एटीएम बूथ के गार्ड की मदद से सौ-सौ रुपये में उसने रॉ एजेंट व एसीपी का फर्जी आइडी कार्ड बनवाया और वर्दी सिलवाई। गणतंत्र दिवस पर वर्दी पहनकर रेलबाजार व पुलिस लाइन के पास घूमता रहा लेकिन किसी को शक नहीं हुआ।
कई दिन तक महिला दारोगा के साथ रहा
अपहरणकर्ता सतेंद्र देहरादून की एक कंपनी के जरिए धौलपुर (राजस्थान) में जल निगम में एसटीपी पंप ऑपरेटर की नौकरी कर रहा था। शहर में तैनात महिला दारोगा से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। सतेंद्र ने खुद को रॉ एजेंट व अविवाहित होने की बात कही थी। दीपावली पर वह दारोगा की मां से मिलने आया था। उसने खुद को बीटेक पास बताया, जबकि केवल 10वीं तक पढ़ा है।
सतेंद्र के मुताबिक दो दिन रुकने के बाद लौट गया था। नवंबर में रेलबाजार आ गया। कई दिन तक दारोगा के साथ भी रहा, तब शादी की बातचीत शुरू हुई। 26 जनवरी को पुलिस लाइन की परेड देखने पहुंचा था। अगले दिन छोटे बेटे की तबीयत खराब होने की सूचना पर अमरोहा चला गया। इलाज के लिए रकम जुटाने की मंशा से एक फरवरी को आकर वारदात की।
बार-बार बयान बदल किया गुमराह
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि सतेंद्र पहले बार-बार बयान बदलकर गुमराह करता रहा। सख्ती करने पर बताया कि पिता का वर्षों पहले देहांत हो चुका है। अमरोहा स्थित घर में उसकी मां, पत्नी और छह व तीन वर्ष के दो बेटे हैं। वह पहली बार दीपावली पर दारोगा से मिलने आया था। इसके बाद रेलबाजार में किराये पर कमरा लिया। इसी दौरान मीट व्यापारी फैसल व रेलबाजार के दवा सेल्समैन रोहन समेत अन्य साथियों से मुलाकात हुई।
फिरौती वसूलने का बनाया था प्लान
रोहन ने रिश्तेदार दवा व्यापारी पिंटू को अवैध दवा का कारोबार करने का आरोप लगा उठाने व फिरौती वसूलने का प्लान बनाया। फैसल ने बताया कि सतेंद्र ने आइडी कार्ड दिखा खुद को आइपीएस अधिकारी बताया था। उसके साथ ही सूरज, कासिम, बच्चा व रोहन आदि झांसे में आ गए। उसने बताया था कि वह देश में कहीं भी कार्रवाई कर सकता है।
10 लाख रुपये मांगे, चार लाख पर हुए राजी
पुलिस के मुताबिक आरोपितों ने फिरौती में 10 लाख रुपये मांगे। व्यापारी के भाई श्रीकृष्ण ने रकम का इंतजाम न हो पाने की बात कही तो बोले कि सात लाख रुपये लेकर फेथफुलगंज आ जाओ। श्रीकृष्ण के चार लाख रुपये का इंतजाम होने की बात कहने पर राजी हो गए।