फर्रुखाबाद:(ब्यूरो) पिता-माता भले ही अपनी बेटी को परवरिश के अच्छे पंख ना दे पाते लेकिन अब पुलिस नें उसको बड़ा अफसर बनाने की ठानी है| आईजी नें बताया कि उनका प्रयास होगा सुभाष की बेटी गौरी को बेहतर परवरिश देकर आईपीएस बनाया जाये जिससे वह अपराधियों का सफाया कर सके|
फतेहगढ़ के निरीक्षण भवन में पंहुचे पुलिस महानिदेशक कानपुर जोंन मोहित अग्रवाल नें बताया कि शातिर सतीश वाथम और उसकी पत्नी शशि की करथिया गाँव में पुलिस मुठभेड़ के दौरान मौत होनें के बाद उनकी एक वर्षीय पुत्री गौरी का परवरिश का जिम्मा उन्होंने लिया है| अब पुलिस की देखरेख में उसकी परवरिश होगी| घटना के पीछे गौरी का कोई दोष नही था| उन्हें पढने लायक होंने पर किसी हास्टल में भर्ती किया जायेगा|
उन्होंने बताया की गौरी की पढाई कराने के बाद प्रयास होगा वह अफसर और और उसमे भी आईपीएस अफसर बनें और अपराधियों को सबक सिखाकर समाज की सेवा करे| उन्होंने एसपी डॉ० अनिल कुमार मिश्रा आदि के साथ सुभाष के गाँव जाकर भी मुआयना किया|
अंजली और ग्रामीणों को किया गया सम्मानित
मोहम्मदाबाद: आईजी मोहित अग्रवाल नें कोतवाली मोहम्मदाबाद पंहुचकर घटना के समय अपनी बहादुरी का परिचय देनें वाली अंजली को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया| इसके साथ ही उन्होंने अंशुल दुबे पुत्र जय प्रकाश दुबे निवासी आजाद नगर मोहम्मदाबाद, विकास पुत्र रामनारायण सक्सेना निवासी राजीव नगर, प्रियांजल दुबे पुत्र विमलेश किशोर निवासी राजीव नगर, दीपू गुप्ता पुत्र रावेन्द्र गुप्ता निवासी आजाद नगर, सचिन सैनी पुत्र शेखर सैनी निवासी आजाद नगर को भी सम्मानित किया|
फ़िलहाल गौरी की परवरिश रजनी के हवाले
आईजी नें फ़िलहाल गौरी की परवरिश के लिए मोहम्दाबाद कोतवाली की महिला कांस्टेबल रजनी की तैनाती की है| उन्होंने बताया कि गौरी की देखभाल के लिए रजनी को 10 हजार रूपये मासिक अलग से विभाग के द्वारा मिलेंगे|