फर्रुखाबाद: दस जनवरी को छिबरामऊ में हुए भीषण बस हादसे में शासन ने प्रथम दृष्टया एआरटीओ को दोषी माना है। अवैध तरीके से बस संचालन को लेकर कन्नौज एआरटीओ तथा बस के पंजीकरण को लेकर फर्रुखाबाद जनपद के एआरटीओ को प्रमुख सचिव परिवहन ने निलंबित कर दिया है। वहीं लोगों की जान से खिलवाड़ के आरोप में एफआइआर कराने के भी आदेश दिए हैं।
हादसे में 11 यात्री जल गए थे जिंदा
शुक्रवार को लखनऊ से यह आदेश जारी किया गया। दस जनवरी को जीटी रोड पर छिबरामऊ के पास घिलोई गांव में स्लीपर कोच बस की ट्रक से टक्कर हो गई थी। हादसे के बाद दोनों वाहनों में आग लग गई थी। इस वीभत्स हादसे में 11 यात्री बस में जिंदा जल गए थे, जबकि 36 लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। मरने वालों में ट्रक और बस के ड्राइवर भी थे। इस हादसे की जांच उप परिवहन आयुक्त आगरा जगदीश चंद्र कुशवाहा को सौंपी गई थी। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई, जिसमे फर्रूखाबाद और कन्नौज के पूर्व एआरटीओ मोहम्मद हसीब, वर्तमान एआरटीओ संजय कुमार झा और फर्रुखाबाद के वर्तमान एआरटीओ शांतिभूषण को दोषी माना गया है।
फर्रुखाबाद एआरटीओ शांति भूषण पांडेय को वित्तीय अनियमितता और प्रवर्तन काम मे लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है। कन्नौज एआरटीओ संजय झा को बस जलने और लापरवाही, प्रवर्तन कार्य न करने, फाइल गायब करने के आरोप में निलंबित किया गया है। प्रमुख सचिव परिवहन राजेश सिंह ने निलंबित कर इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।