डाक्टरों की सम्वेदना- जान बचाने की जगह मासूम को बनाया फुटबाल

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फर्रुखाबाद: जनपद में निजी चिकित्सको के आलिशान नर्सिंग होम की कोई कमी नहीं है| यहाँ तक की आसपास के जनपद के लोग भी अपने मरीजों का यहाँ इलाज कराने फर्रुखाबाद आतें हैं| कई प्रकार की देशी विदेशी डिग्रीधारी विशेष योग्यता के लेबल के साथ इन डॉक्टरों के नाम शहर के कोने कोने में पम्पलेट से लेकर चमकीली रौशनी से चमचमाते ग्लोशाइन में नजर आतें है| मगर होली के दूसरे दिन सोमवार को सुबह अस्पतालों की मंडी के निकट हुए एक मकान में विस्फोट में घायल 4 साल की मासूम बच्ची को इलाज समय से मयस्सर न हो सका| लगभग आधा दर्जन नर्सिंग होम और विशेषज्ञ डाक्टरों ने एक दूसरे पर टालते हुए इलाज नहीं किया और मासूम को घंटो इधर से उधर फुटबाल बनाकर टहलाया | विशेषज्ञों की ठुकराई घायल मासूम कनन को एक बीएएमएस डाक्टर के यहाँ जिन्दगी बचाने का मंदिर नजर आया| डॉ हरिदत्त द्विवेदी के नर्सिंग होम में कनक खतरे से बाहर बताई गयी है|

सोमवार सुबह जब अनोखेलाला की मिठाई की दुकान के पीछे उसके घर में अचानक विष्फोट हुआ तो धमाके वाला कमरा ढह गया| कमरे में कम से कम तीन से चार लोग थे जिसमे लगभग आधा घंटे के बाद कनन बाहर निकाली जा सकी| घायल एवं बेहोश कनन को तुरंत कुछ लोग सबसे नजदीक सिटी अस्पताल लेकर पहुचे| अस्पताल कर्मियों ने बताया की अभी डाक्टर नहीं है उन्हें बुलाया जा रहा है| लगभग एक घंटे तक कनन इलाज के इन्तजार में दर्द से कराहती रही और कोई डाक्टर नहीं आया| लिहाजा कनन को सिटी अस्पताल के सामने बने हड्डी रोग विशेषज्ञ ब्रजेश यादव के अस्पताल में लाया गया| ये वही सिटी अस्पताल है जिसके बोर्ड शहर के हर खम्भे पर लटकाए गए थे- ” २४ घंटे सेवा”|

ब्रजेश यादव ने कुछ साल पहले ही करोडो की लागत से चमचमाता हुआ हड्डी रोग विशेषज्ञ वाला अस्पताल बनबाया है| डॉ ब्रजेश फर्रुखाबाद नगर में रेलवे रोड पर किराए के ३-४ कमरे लेकर हड्डियाँ जोड़ने और उसी सम्बन्धित इलाज और सेवा करते थे| बिना कोई उद्योग लगाये तरक्की की और अब बेहतरीन मशीनोयुक्त अस्पताल के मालिक हैं| मगर इस इस अस्पताल में शायद प्राथमिक इलाज सम्भव नहीं था वरना डॉ ब्रजेश के यहाँ ये नहीं कहा जाता कि मामला बच्चे का है बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाओ| खैर डॉ ब्रजेश के यहाँ से कनन को बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सी एन भल्ला के यहाँ लाया गया|

डॉ सी एन भल्ला नगर के जाने माने बाल रोग विशेषज्ञ हैं और पूरी जिन्दगी बच्चो बच्चियो के इलाज में लगा दी| बेटे को भी बाल रोग विशेषज्ञ बनाया और नया अस्पताल पिछले साल ही मरीजो की मंडी या कहें डाक्टरों की मंडी स्थित आवास विकास कालोनी में बनबाया| अब पिता पुत्र और बहू सभी डाक्टर हैं मगर कनन को इलाज यहाँ भी नहीं मिला, डॉ भल्ला के यहाँ कहा गया हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाओ| कानन को उसके बाद डॉ सुबोध वर्मा के अस्पताल में ले जाया गया|

डॉ सुबोध वर्मा नगर के जाने माने हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं| आरएसएस से जुड़े होने के नाते राष्ट्र प्रेम का होना स्वाभाविक है| पहले नगर फर्रुखाबाद में रेलवे रोड पर अस्पताल था मगर अब इनका भी एक और नया अस्पताल आवास विकास स्थित मरीजों की मंडी में है| कनन को इलाज यहाँ भी नहीं मिला| राष्ट्र प्रेमी संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ सुबोध वर्मा के यहाँ जबाब मिला सर्जन को दिखाओ| अचानक एक भले आदमी ने जो कि कनन का कोई नहीं था और उसे जिन्दा बचाने की जद्दोजहद कर रहा था चिल्ला कर बोला- छोड़ो इन सबको डॉ हरिदत्त के यहाँ चलो|

फिर कनन की जिन्दगी बचाने को उसका मंदिर बना डॉ हरिदत्त का अस्पताल| डॉ हरिदत्त का नर्सिंग होम नगर के बीच में है| उन्होंने मरीजों की मंडी में आना मुनासिब नहीं समझा| बीएएम्एस डाक्टर हरिदत्त ने कनन का इलाज किया, न सर्जन की दरकार की न बाल रोग विशेषज्ञ की| डाक्टरों की इस व्यवसायिक संवेदनाओं पर आपकी क्या राय है जरूर लिखे|